कोरोना के बाद से मरीजों के शरीर में कई तरह के प्रभाव देखने को मिले हैं, जो कुछ गंभीर और कुछ हल्के हैं. लेकिन क्या कोरोना मरीजों कुछ समय बाद डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं? एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि कोरोना की वजह से डायबिटीज के मामलों में 3-5 फीसदी की वृद्धि हुई है. इसका मतलब कोरोना से संक्रमित हुआ हर 20 में से एक व्यक्ति को डायबिटीज हुआ है.


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कुछ शोधों ने सुझाव दिया है कि कोरोना मरीजों में हाई शुगर लेवल की समस्या आ सकती है, जो डायबिटीज का कारण बन सकती है. इसके अलावा, इस बीमारी से गुजरने वाले कुछ लोगों को बाद में डायबिटीज का विकास हो सकता है. हालांकि, यह आमतौर पर उन लोगों के साथ होता है जिनके पहले से ही डायबिटीज के लिए विकास के जोखिम होते हैं. कोरोना और डायबिटीज के बीच का अध्ययन अभी भी जारी है और इस विषय में अधिक अनुसंधान की जरूरत है.


कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है
यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के प्रोफेसर नावेद जानजुआ का कहना है कि कोरोना इंफेक्शन ब्लड ग्लूकोज को बढ़ाने से लेकर शरीर के कई इन्य अंगों को नुकसान पहुंचाने में योगदान देता है. कोरोना से बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ जाता है. JAMA Network Open में प्रकाशित एक निष्कर्ष बताते हैं कि पुरुषों में डायबिटीज होने की संभावना ज्यादा होती है.


डायबिटीज होने की संभावना 17 फीसदी ज्यादा
यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के शोधकर्ताओं की एक टीम ने 6,29,935 लोगों के रिकॉर्ड की जांच की और पाया कि जिनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया, उनमें एक साल के अंदर डायबिटीज होने की संभावना 17 फीसदी ज्यादा थी. असंक्रमित लोगों की तुलना में पुरुषों में डायबिटीज होने की संभावना 22 प्रतिशत ज्यादा होती है.


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