Fish Oil vs Krill Oil: हत को बेहतर बनाने के लिए कई तरह के फूड्स की जरूरत होती है, इनमें से एक है फिश ऑयल जो साल्मन और मैकेरेल जैसी फैटी फिश से निकाला जाता है, ये दुनियाभर में एक पॉपुलस डाइटरी सप्लिमेंट के तौर पर यूज किया जाता है. मछली के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. आजकल क्रिल ऑयल का भी इस्तेमाल काफी ज्यादा हो रहा है.


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क्रिल ऑयल क्या है?


क्रिल ऑयल अंटार्कटिक क्रिल (Antarctic krill) नामक छोटे क्रस्टेशियंस (Crustaceans) से निकाला जाता है. इस समुद्री जीव को व्हेल (whale), सील (Seal), पेंगुइन (Penguin) और अन्य पक्षी खाते हैं. फिश ऑयल की तरह क्रिल ऑयल में भी ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, लेकिन दोनों का असर हमारे शरीर पर अलग अलग तरीके से हो सकता है. भारत के मशहूर न्यूट्रिशन एक्सपर्ट निखिल वत्स (Nikhil Vats) ने बताया कि कौन सा तेल आपके लिए बेहतर है.



गठिया रोग में दोनों तेलों के फायदे


फिश ऑयल


कई स्टडीज से पता चलता है कि एसेंशियल फैटी एसिड जोड़ों के दर्द में सुधार करने में मदद करते हैं. अध्ययनों से ये भी जानकारी मिली है कि जब मछली का तेल प्रतिदिन न्यूनतम 500 मिलीग्राम से 2,000 तक खाया जाए तो जोड़ों की कठोरता में कमी आती है.


क्रिल ऑयल


2007 के अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन के एक अध्ययन से पता चला है कि 300 मिलीग्राम क्रिल ऑयल सूजन को रोकता है और 7 और 14 दिनों की छोटी अवधि के भीतर गठिया के लक्षणों को कम करता है. हल्के घुटने के दर्द वाले रोगियों के 2016 के डबल-ब्लाइंड, प्लेसबो-नियंत्रित अध्ययन से पता चला है कि क्रिल ऑयल प्रति दिन 2,000 मिलीग्राम की दैनिक खुराक पर दर्द को कम किया जा सकता है.


 


दिल की बीमारियों में दोनों तेलों के फायदे


फिश ऑयल
मछली के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो दिल की सेहत के लिए जरूरी है. 2017 की स्टडीज से पता चला कि यह एथेरोस्क्लेरोसिस, या धमनियों के सख्त होने को रोकने में मदद कर सकता है, जबकि अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में 2013 के एक अध्ययन से पता चला है कि रक्त में डीएचए/ईपीए का हाई लेवल हार्ट अटैक के रिस्क को कम कर सकता है.



क्रिल ऑयल
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में 2015 के एक अध्ययन में ये नतीजे निकाले गए, 'क्रिल ऑयल से टाइप 2 मधुमेह वाले रोगियों में हृदय संबंधी जोखिमों, विशेष रूप से एंडोथेलियल डिसफंक्शन और एचडीएल में मध्यम सुधार हो सकता है.' हालांकि, जिन्हें डायबिटीज नहीं है उन्हें भी फायदा मिल सकता है.
 


याददाश्त बढ़ाने में दोनों तेलों के फायदे


फिश ऑल
2016 में मेमोरी लॉस वाले वाले 44 मरीजों पर एक स्टडी किया गया था जिसमें 22 को मछली का तेल दिया गया था, जबकि 22 को प्लेसबो दिया गया था. रिसर्चर्स ने पाया कि जिन लोगों को मछली का तेल दिया गया उनकी याददाश्त बेहतर थी. अन्य अध्ययनों ने भी इसी तरह के नतीजे नजर आए हैं.



क्रिल ऑयल
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर साइंसेज में 2017 के एक अध्ययन से पता चला है कि क्रिल ऑयल ब्रेन में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और बीटा-एमिलॉयड जमा को कम करने में मदद कर सकता है, जिसे अल्जाइमर रोग का कारण माना जाता है. इसको लेकर और रिसर्च चल रही है.


(Disclaimer:प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.