मेलबर्न: वैज्ञानिकों ने इमेजिंग तकनीक पर आधारित एक सामान्य नेत्र जांच विकसित की है जिससे अल्माइमर बीमारी के शुरुआती संकेतों का पता लगाया जा सकता है. नासा उपग्रहों में भी इसी इमेजिंग तकनीक का प्रयोग किया जाता हे. ‘सेंटर फॉर आई रिसर्च ऑस्ट्रेलिया’ (सेरा) और आस्ट्रेलिया के मेलबर्न यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने इसे विकसित किया है जिसका इस साल बाद में क्लीनिकल परीक्षण होगा. आंखों की जांच के क्लीनिकल परीक्षण में उन असामान्य प्रोटीनों का पता चलेगा जो रेटिना के जरिए दिमाग में बनते हैं.


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सेरा के पीटर वार विजनगार्डन ने बताया कि नयी तकनीक उन लोगों की जांच करेगी जिनमें भूलने की इस बीमारी के कोई संकेत नजर नहीं आते और यह असामान्यता का संकेत दिखने से वर्षों पहले ही उनका पता लगा लेगी .
विजनगार्डन ने कहा, ‘‘इस समय अल्जाइमर बीमारी का पता लगाना बहुत मुश्किल है.


भूलने की बीमारी से पीड़ित अधिकतर लोगों की निश्चित निदान तक पहुंच नहीं होती.’’ उन्होंने कहा कि नेत्र जांच में एक सेकेंड से भी कम का समय लगेगा. उन्होंने कहा, ‘‘नए प्रकार की इमेजिंग, रौशनी के विभिन्न रंगों का इस्तेमाल करती है और हम आंख के पीछे बनने वाले असामान्य प्रोटीन का पता लगा सकते हैं .’’ सेरा में अनुसंधानकर्ता जेवियर हादौक्स ने कहा कि इससे उपचार की नयी पद्धतियों के रास्ते खुलेंगे.