लंदन: ब्रिटेन (Britain) में भारतीय मूल के एक डॉक्टर द्वारा किए गए नए अध्ययन में पाया गया है कि शरीर में ऑक्सीजन बनाने वाले मुक्त कणों और इसके ‘एंटीऑक्सिडेंट’ कोशिकाओं के बीच का असंतुलन मसूड़े की बीमारियों और किडनी की पुरानी बीमारी के एक दूसरे को प्रभावित करने का कारण हो सकता है. मसूड़ों की बीमारी एक आम समस्या है, जिसमें मसूड़ों से रक्तस्राव हो सकता है या दांत कमजोर हो सकते हैं.


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पिछले अध्ययनों के अनुसार मसूड़ों की बीमारी के कारण मुंह में सूजन और किडनी की पुरानी बीमारी एक दूसरे से संबंधित हो सकते हैं. ऐसे अध्ययनों में कहा गया है कि मसूड़ों में अधिक सूजन वाले लोगों में किडनी की गंभीर समस्या हो सकती है.


डॉ प्रवीण शर्मा के नेतृत्व में बर्मिंघम विश्वविद्यालय में हुए नवीनतम अध्ययन में गुर्दे की बीमारी के 700 से अधिक रोगियों की जांच की गई. मरीजों के रक्त के नमूनों सहित विस्तृत जांच की गई.


इस अध्ययन का मकसद उस परिकल्पना पर गौर करना था कि मसूड़ों में सूजन और किडनी एक दूसरे को प्रभावित करते हैं.


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शर्मा ने बताया कि यह किडनी के कामकाज पर मसूडों की सूजन के प्रभाव और मसूड़ों की सूजन पर किडनी के प्रभाव को स्पष्ट करने वाला पहला पेपर है.


उन्होंने कहा कि अध्ययन में यह पता चला है कि मसूड़ों की सूजन में मामूली कमी भी किडनी की समस्या में राहत पहुंचा सकती है. सही तरीके से ब्रश करने और दांतों के बीच की सफाई जैसे सरल उपायों के जरिए मसूड़ों की सूजन में 10 फीसदी की कमी आने को देखते हुए, ये परिणाम बहुत दिलचस्प हैं.