गर्मी का सितम थमने का नाम नहीं ले रहा है. देश के कई राज्यों में भीषण लू चल रही है, जिसकी वजह से काफी सारे लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है. बीते शुक्रवार को ओडिशा, बिहार, झारखंड, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में हीट स्ट्रेस और इससे जुड़ी समस्याओं के 85 से ज्यादा संदिग्ध मौतों की खबर सामने आई है. इन इलाकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. कई इलाकों में तो तापमान बेतहाशा बढ़कर रिकॉर्ड स्तर को छू चुका है.


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हीट स्ट्रेस तब होता है, जब अधिक गर्मी के कारण शरीर के अंदर के तापमान को कंट्रोल करने की क्षमता खराब हो जाती है. ज्यादा गर्मी के कारण शरीर का तापमान तेजी से बढ़ने लगता है. पसीना शरीर को ठंडा रखने का नेचुरल तरीका है, लेकिन  जब शरीर बहुत अधिक गर्म हो जाता है और पसीना जल्दी सूख जाता है या तरल पदार्थों का सेवन पर्याप्त नहीं होता, तो शरीर का तापमान खतरनाक रूप से बढ़ सकता है. हीट स्ट्रेस कई कारणों की वजह से होता है, जैसे- अधिक वायु तापमान, रेडिएंट हीट सोर्स, हाई ह्युमिडिटी, गर्म वस्तुओं से सीधा संपर्क में आने से और ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी.


हीट स्ट्रेस के लक्षण
- तेज प्यास लगना और चक्कर आना
- ज्यादा पसीना आना या पसीना न आना
- तेज सिरदर्द
- मांसपेशियों में ऐंठन या कमजोरी
- जी मचलाना या उल्टी होना
- स्किन का लाल होना और गर्म होना
- बेहोशी


हीट स्ट्रेस से कैसे बचें?
धूप से बचें: सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच जब धूप सबसे तेज होती है, घर के अंदर रहें या छायादार जगहों का इस्तेमाल करें.
पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पिएं: पूरे दिन पानी, छाछ, फलों का रस आदि तरल पदार्थों का सेवन करते रहें.
हल्के और ढीले कपड़े पहनें: सूती या हल्के कपड़े पहनें, जो पसीने को सोख सकें.
सिर को ढक कर रखें: बाहर निकलते समय टोपी या छाता का इस्तेमाल करें.
एसी वाले कमरे में रहें: यदि संभव हो तो, दिन के सबसे गर्म समय में एसी वाले कमरे में रहें.
ज्यादा व्यायाम से बचें: ज्यादा गर्मी में अधिक व्यायाम या कुछ ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करने से बचें.


हीट स्ट्रेस होन पर क्या करें?
- ठंडी जगह पर ले जाएं और आराम करने दें.
- ढीले कपड़े पहनाएं और ठंडे पानी से शरीर को स्पंज करें.
- ओआरएस पिलाएं या घरेलू घोल (एक लीटर पानी में एक चम्मच चीनी और एक चुटकी नमक मिलाकर) दें.
- यदि व्यक्ति बेहोश हो जाता है, तो उसे करवट के बल लाटें और एंबुलेंस को बुलाएं.


हीट स्ट्रेस से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है. जागरूकता और सावधानी बरतकर हम खुद को और अपने आसपास के लोगों को हीट स्ट्रेस के कहर से बचा सकते हैं.