कोविड-19 महामारी के बाद अब चीन एक और नए वायरस, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) से जूझ रहा है. यह वायरस तेजी से फैल रहा है और इसकी वजह से अस्पतालों में भीड़ बढ़ने की रिपोर्ट्स आ रही हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किए गए वीडियो में अस्पतालों की स्थिति काफी गंभीर नजर आ रही है, जहां मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.


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इसके अलावा, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि एचएमपीवी के कारण अचानक मृत्यु दर में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है, विशेष रूप से 40 से 80 वर्ष की आयु के लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं. इस वायरस के संक्रमण के कारण बच्चों में निमोनिया और 'व्हाइट लंग' जैसी गंभीर स्थितियों के मामले भी सामने आ रहे हैं. 


एचएमपीवी वायरस क्या है?

एचएमपीवी या ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस, एक श्वसन संबंधी वायरस है जो आमतौर पर खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण पैदा करता है. 


किन लोगों को ज्यादा खतरा

यह वायरस विशेष रूप से छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है. चीन के सरकारी ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, इस वायरस के मामलों में वृद्धि के कारण, दिसंबर के अंत में 14 वर्ष और उससे कम आयु के बच्चों में पॉजिटिव दर में वृद्धि देखी गई है. यह वायरस श्वसन प्रणाली के माध्यम से फैलता है और सीधे संपर्क जैसे कि हाथ मिलाने या दूषित वस्तु को छूने से भी फैल सकता है.


कैसे फैलता है वायरस 

चीन के विशेषज्ञों के अनुसार, एचएमपीवी वायरस का प्रसार इस समय काफी तेजी से हो रहा है. बीजिंग यूआन अस्पताल के श्वसन और संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख चिकित्सक ली तोंगजेंग के अनुसार, यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक श्वसन प्रणाली के माध्यम से फैलता है. इसके अतिरिक्त, अगर लोग वायरस से संक्रमित किसी वस्तु को छूते हैं तो भी संक्रमण फैल सकता है.


बचाव के उपाय

इस वायरस से बचाव के लिए विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोग मास्क पहनें, बार-बार हाथ धोएं और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं. 


एंटीवायरल दवाओं का उपयोग नहीं

इस वायरस के लिए फिलहाल कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है. शंघाई के एक अस्पताल के श्वसन विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि एचएमपीवी के इलाज के लिए बिना चिकित्सक की सलाह के एंटीवायरल दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. हालांकि, इसके लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं, लेकिन यदि लक्षण गंभीर हो जाएं तो अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता हो सकती है.

-एजेंसी-