शराब का मजेदार तड़का कई सोशल प्रोग्राम का अभिन्न अंग होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका नियमित सेवन आपके लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है? आइए एक्सपर्ट की नजर से समझें कि शराब जिगर को कैसे प्रभावित करती है और इसके क्या दूरगामी परिणाम हो सकते हैं.


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हेपेटोलॉजिस्ट डॉ. रितिका सूद बताती हैं कि लिवर शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो कई महत्वपूर्ण कामों को करता है. यह भोजन से पोषक तत्वों को संसाधित करता है, टॉक्सिंस को फिल्टर करता है, प्रोटीन बनाता है और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है. लेकिन जब आप नियमित रूप से शराब पीते हैं, तो ये सभी काम बाधित हो सकते हैं.


फैटी लिवर की बीमारी
शराब का सेवन बढ़ने पर लिवर में फैट का जमाव शुरू हो जाता है, जिससे फैटी लिवर की बीमारी हो सकती हैय यह स्थिति प्रारंभिक अवस्था में कोई लक्षण नहीं दिखाती, लेकिन लंबे समय तक अनदेखी करने पर लिवर सिरोसिस का खतरा बढ़ जाता है.


लिवर सिरोसिस
यह एक गंभीर स्थिति है जिसमें लिवर के हेल्दी टिशू में घाव हो जाते हैं. इससे लिवर का काम करने का क्षेत्रफल कम हो जाता है और इसकी कार्यक्षमता में गिरावट आती है. लिवर सिरोसिस के लक्षणों में थकान, भूख न लगना, पीलिया, पेट में सूजन और ब्लीडिंग शामिल हैं.


अन्य गंभीर परिणाम
नियमित शराब के सेवन से हेपेटाइटिस, लिवर फेलियर और यहां तक कि लिवर कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है. ये सभी स्थितियां जानलेवा हो सकती हैं और उपचार में काफी चुनौतीपूर्ण हैं.


शराब कम करें, लिवर का बनाएं हेल्दी
डॉक्टर रितिका सलाह देती हैं कि लिवर को हेल्दी रखने के लिए शराब का सेवन सीमित करना या पूरी तरह बंद करना सबसे अच्छा तरीका है. पुरुषों के लिए प्रतिदिन दो पेग और महिलाओं के लिए एक पेग से अधिक शराब का सेवन हानिकारक माना जाता है. इसके अलावा, एक संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद लिवर की सेहत के लिए फायदेमंद हैं.