Non-Pharmaceutical Solutions For Migraine: माइग्रेन की बीमारी काफी आम होती जा रही है. इसमें तेज सिरदर्द होता है और कई दूसरे लक्षण नजर आते है. इससे निजात पाने के लिए आमतौर पर दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन हर किसी को लंबे वक्त दवा मेडिसिन खाना पसंद नहीं है. यही वजह कि माइग्रेन से राहत पाने के लिए नॉन मेडिकल सॉल्यूशन की तलाश की जा रही है. शायद आप इस बात से वाकिफ नहीं होंगे कि तकनीकी विकास के इस दौर में माइग्रेन रिलीफ डिवाइस जैसी चीजों का ईजाद हो चुका है जिसके जरिए आप दवाओं का विकल्प तलाश सकते हैं


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माइग्रेन से आपकी जिंदगी पर असर
जिन लोगों को माइग्रेन होता है उनकी डेली लाइफ की नॉर्मल एक्टिविटीज पर काफी ज्यादा असर पड़ता है. हालांकि मेडिकेशन बेस्ड ट्रीटमेंट से इसका इलाज किया जाता है, लेकिन हमेशा साइड इफेक्ट्स का डर बना रहता है. यही वजह है कि नॉन मेडिकल ऑप्शन को खोजा जाता है.


माइग्रेन पर ध्यान देना क्यों है जरूरी?
ब्रम्हांश टेक्नोलॉजीज  के सीईओ और संस्थापक जयदीप तिवारी के मुताबिक, आंकड़े माइग्रेन के व्यापक असर को बताते हैं. ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी 2017 के मुताबिक, माइग्रेन वर्ल्ड लेवल पर ईयर्स लिव्ड विद डिसेब्लिटी के मामले में दूसरे नंबर पर रैंक करता है. इससे एक अरब से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. इसमें जेंडर डिफरेंस भी नजर आता है महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक बार माइग्रेन का अनुभव होता है. माइग्रेन सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है, किशोरावस्था में इसका प्रसार चरम पर होता है और पूरे जीवन में बना रहता है. 


दवा के बिना माइग्रेन से कैसे मिलेगी राहत?
क्या दवा के बिना माइग्रेन से राहत मुमकिन है. इस बीमारी लक्षणों को कम करने के लिए डिजाइन किए गए डिवाइस को लेकर लोगों का इंटरेस्ट बढ़ रहा है जो गैर-दवा वाले विकल्पों का परिचय देता है.चिकित्सा उपकरण एक संभावित समाधान के रूप में उभर रहे है, जो पारंपरिक दवाओं से जुड़े दुष्प्रभावों के बिना राहत प्रदान करता है.
 




डेली लाइफ की एक्टिविटीज में लाएं चेंजेज
आप डेली लाइफ की एक्टिविटीज में बदलाव लाकर भी माइग्रेन के असर को कम कर सकते हैं. इसमें डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन, मेडिटेशन, लाइफस्टाइल मोडिफिकेशन, माइग्रेन के ट्रिगर को पहचाना शामिल है. हालांकि माइग्रेन रिलीफ डिवाइस एक नई तकनीक है जिसमें इलेक्ट्रिकल और मैग्नेटिक स्टिम्यूलेशन होता है, साथ ही थर्मल थेरेपीज भी दी जाती है. ये माइग्रेन के दर्द से राहत पाने का विकल्प है जिसका इस्तेमाल डॉक्टर की निगरानी या उनकी सलाह पर ही किया जाना चाहिए.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
भारत के मशहूर न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर केनी रवीश राजीव (Dr. Keni Ravish Rajiv) ने कहा, 'एक हेल्थकेयर प्रोफेशनल के तौर पर मैं मरीज की अच्छी सेहत को लेकर कमिटेड हूं. मैं माइग्रेन से राहत दिलाने के लिए नॉन फार्मास्युटिकल विकल्पों की खोज को लेकर उत्साहित हूं. माइग्रेन से दुनियाभर में काफी लोग प्रभावित होते हैं, जिससे इलाज को लेकर चुनौतियां पैदा होती हैं. 'माइग्रेनरिलीफ' जैसे तकनीकी विकास से माइग्रेन मैनेजमेंट में चमत्कारिक बदलाव आ सकता है. इस तरह के सॉल्यूशन से लोगों के पास ट्रीटमेंट के ऑप्शंस बढ़ जाएंगे, इससे पेशेंट एम्पॉवर होंगे और उनकी जिंदगी में बदलाव आएगा. इससे मरीजों की जरूरतें और परेशानियों का सॉल्यूशन हो पाएगा.'


 


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.