Heart Attack से जान नहीं गंवाना चाहते हैं आप, तो हर हाल में करने होंगे ये 4 काम
Heart Attack Risk: भारत को हार्ट डिजीज की राजधानी कहा जाता है क्योंकि यहां दिल के मरीजों की तादाद काफी ज्यादा है. हमें भी अपनी सेहत के लिए सतर्क होने की जरूरत है. ऐसे में कुछ टिप्स अपनाकर दिल की बीमारियों के खतरे से बचा जा सकता है.
How To Prevent Heart Attack: दिल की बीमारियों से जुड़े लोगों को काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ाता. अगर आपको कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक जैसी समस्याएं पहले से हैं तो आपको बहुत ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है. वरना आपकी सेहत को खतरा हो सकता है. स्वस्थ्य रहने के लिए सावधानी जरूरी है, तभी हम जानलेवा परेशानियों से बच सकते हैं.
दिल की सेहत को लेकर रहें सतर्क
कार्डियोलॉजिस्ट के पास दिल के मरीज अक्सर हाई ट्राइग्लिसराइड्स, हाई कोलेस्ट्रॉल और हाइपरटेंशन जैसी समस्याओं को लेकर आते हैं, जिनके कारण दिल को खतरा होता है. जो लोग इन समस्याओं के साथ आते हैं, उनमें से ज्यादातर लोग फिजिकल एक्टिवटी नहीं करते हैं, तनाव में रहते हैं और अधिक वजन के कारण भी इन समस्याओं का सामना करते हैं. शुरुआत में भले ही यह स्वास्थ्य समस्याएं मामूली लगें, लेकिन धीरे-धीरे यह दिल की धमनियों को नुकसान पहुंचाने लगती हैं.
दिल दुरुस्त रखने के 4 टिप्स
1. हेल्दी लाइफस्टाइल
हार्ट पेशेंट के लिए यह बेहद जरूरी है कि वो अपनी स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली को बनाए रखें. नियमित तौर पर डॉक्टर द्वारा सुझाई गई एक्सरसाइज और योग का अभ्यास करें. अपनी तरफ से कोई भी नई एक्सरसाइज न करें. वॉक पर जा सकते हैं. पैरों को स्ट्रैच करें और बैठे रहने की बजाय बीच-बीच में उठकर घर में ही दो चक्कर लगा लें. कम से 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी नियमित तौर पर करें. घर पर बना स्वस्थ भोजन ग्रहण करें. अपने भोजन में कम फैट वाला प्रोटीन लें. इसके लिए आप चिकन और सी-फूड का सेवन कर सकते हैं. ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और ड्राइ-फ्रूट्स का सेवन कर सकते हैं. इसके अलावा अपने ब्लड प्रेशर को नियमित तौर पर मॉनिटर करें.
2. डॉक्टर्स की सलाह लें
दिल के मरीज कार्डियोलॉजिस्ट की सलाह लेते रहें, अगर अस्पताल या क्लीनिक जाना मुमकिन न हो तो ऑनलाइन कंसल्टेशन का भी भरपूर इस्तेमाल किया है. ज्यादातर डॉक्टर भी अब ऑनलाइन कंसल्टेशन देने को तवज्जो देने लगे हैं. फोन या वीडियो कॉल के जरिए मरीज की समस्याओं को समझकर डॉक्टर उनका निदान और उपचार करते हैं.
3. दवाएं लेना याद रखें
भले कुछ भी हो जाए, आपको अपने डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा लेना नहीं छोड़ना है. खासतौर पर हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं लेना हमेशा याद रखें. यह भी याद रखें कि जिन दवाओं को आपका डॉक्टर सुझाए, सिर्फ उन्हीं दवाओं को लें, अपनी मर्जी से कोई भी दवा लेना शुरू न कर दें. दिल की किसी भी बीमारी से ग्रसित हैं तो नियमित तौर पर डॉक्टर से संपर्क करें और डॉक्टर के मना करने तक इनका सेवन जारी रखें. युवाओं को भी अपना लिपिड प्रोफाइल साल में कम से कम एक बार जरूर चेक करवाना चाहिए और हर महीने ब्लड प्रेशर की जांच भी करवाएं.
4. रेग्युलर टेस्ट कराते रहें
आप अपने शरीर और अपनी तकलीफ को सबसे ज्यादा समझते हैं. इसलिए कब डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए, ये भी आप अच्छे से समझते हैं. अगर आपके परिवार में कभी भी किसी को हार्ट अटैक आया है या आप बीपी, कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड और मोटापे के शिकार हैं तो आपको डॉक्टर के पास जाकर नियमित तौर पर जांच करवानी चाहिए.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.