Excessive Sweating: बिना वजह पसीना आना नहीं है नॉर्मल, अनदेखी करना जीवन को खतरे में डालने के बराबर
गर्मी और उमस के दिनों में और व्यायाम करने से पसीना आना एक नॉर्मल बात है, लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें बहुत अधिक पसीना आता है. बिना मतलब के पसीना आना और उसके साथ गंध में बदलाव होना कई स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है.
Cause of excessive sweating: गर्मी और उमस के दिनों में और व्यायाम करने से पसीना आना एक नॉर्मल बात है, लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें बहुत अधिक पसीना आता है. बिना मतलब के या अचानक से बहुत ज्यादा पसीना आना, उसके साथ पसीने की गंध में बदलाव होना कई स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है. यह दिक्कत आमतौर पर बड़ी परेशानी नहीं होती है और इसे खान पान की आदतें व डेली रूटीम में सुधार करके कम किया जा सकता है. लेकिन कई बार डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी होता है. लेकिन क्यों आता है पसीना, आइए जानते हैं.
हमारी बॉडी की कई ग्रंथियां पसीने का निर्माण करती हैं, जो स्किन के पोर्स से बाहर निकलते हैं. इनमें से दो प्रमुख ग्रंथियां हैं- एक्राइन ग्लैंड और एपोक्राइन ग्लैंड. एक्राइन ग्लैंड से निकलने वाला पसीना पानी जैसा होता है. ये ग्रंथियां पूरे शरीर में होती हैं. एपोक्राइन ग्रंथियां बगलों, पेट और जांघों के बीच के पार्ट और स्तनों के आसपास अधिक संख्या में होती हैं. पसीने की मात्रा शरीर के आकार, उम्र, मसल्स की मात्रा और सेहत पर निर्भर करती है. टीनएजर्स में हार्मोनल बदलावों के समय शरीर में करीब 30 लाख स्वेट ग्लैंड्स एक्टिव हो जाती हैं. जब पसीने बैक्टीरिया के संपर्क मे आता है होता है तो दुर्गंध आती है.
हाइपरहाइड्रोसिस
हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) एक मेडिकल शब्द है जिसका अर्थ 'अत्यधिक पसीना आना' होता है. यह एक रोग है जिसमें व्यक्ति के शरीर से अनुपातित रूप से अधिक मात्रा में पसीना निकलता है, जो आम स्तिथि से अधिक होता है. हाइपरहाइड्रोसिस से प्रभावित होने वाले व्यक्ति को आम तौर पर आंतरिक और बाह्य वातावरण में ही पसीने की समस्या होती है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है. हाइपरहाइड्रोसिस की वजह से पसीने में शरीर के आकार, तापमान, शारीरिक गतिविधियां, तनाव, डाइट और विशेष वातावरण के प्रभाव से विशेषता आती है. यह एक सामान्य प्रकार की परेशानी नहीं है और इसका उपचार मेडिकल परामर्श और उचित दवाओं द्वारा हो सकता है.
हाइपरहाइड्रोसिस के कारण
आनुवंशिक: कुछ लोगों में यह समस्या पारिवारिक रूप से प्रभावित होती है, जिसका मतलब इसे उनके आवासीय विरासत में विद्यमान होना होता है.
विशेष खानपान: जंक फूड, मसालेदार खाने, तला हुआ खाना आदि के सेवन से भी हाइपरहाइड्रोसिस का खतरा बढ़ता है.
दवाओं के साइड इफेक्ट्स: हार्मोन संबंधी गड़बड़ियों, हाई ब्लड प्रेशर, अवसाद, डायबिटीज और थायरॉइड में ली जाने वाली दवाओं से भी पसीना अधिक आता है.
स्वास्थ्य समस्याएं: कई तरह के कैंसर, दिल और फेफड़ों के रोग, थायरॉइड, डायबिटीज या आंतरिक संक्रमण, मीनोपॉज व स्ट्रोक के लक्षणों के तौर पर भी पसीना ज्यादा आता है.
अन्य कारण: निकोटीन, कैफीन, बहुत गर्म व मसालेदार भोजन खाना हाइपरहाइड्रोसिस को ट्रिगर कर सकता है. जो पहले से इससे जूझ रहे हैं, उनकी समस्या बढ़ जाती है.