भारतीय थाली में बदलाव! ICMR ने जारी की नई डाइट गाइडलाइंस, शाकाहारियों और प्रोटीन पाउडर को लेकर भी दी चेतावनी
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और राष्ट्रीय पोषण संस्थान (ICMR-NIN) ने देश में कुपोषण और मोटापा, डायबिटीज और दिल की बीमारी जैसी बीमारियों से निपटने के लिए डाइट संबंधी सलाह जारी की हैं.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और राष्ट्रीय पोषण संस्थान (ICMR-NIN) ने देश में कुपोषण और मोटापा, डायबिटीज और दिल की बीमारी जैसी बीमारियों से निपटने के लिए डाइट संबंधी सलाह जारी की हैं. ये सलाह हेल्दी खाने की आदतों और लाइफस्टाइल को अपनाने की वकालत करती हैं. ICMR-NIN की डायरेक्टर डॉ. हेमावती आर के मार्गदर्शन में एक्सपर्ट की एक टीम द्वारा 17 सिफारिशें तैयार की गई हैं.
ICMR मुख्यालय में आयोजित रिलीज प्रोग्राम में बोलते हुए डॉ. राजीव बहल ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में भारतीयों की डाइट संबंधी आदतों में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं, जिससे गैर-संक्रामक बीमारियां की व्यापकता बढ़ रही है, जबकि कुछ कुपोषण की समस्याएं बनी हुई हैं. इन गाइडलाइन्स को भारत में बदलते फूड लैंडस्केप के लिए उपयुक्त बनाया गया है, जिसमें फूड सुरक्षा को संभालने, न्यूनतम रूप से संसाधित फूड को चुनने, फूड लेबलों के महत्व और फिजिकल एक्टिविटी पर व्यावहारिक संदेश और सुझाव शामिल हैं.
डॉ. हेमावती आर ने कहा कि ये गाइडलाइन्स कुपोषण के सभी रूपों के लिए सबसे तार्किक, टिकाऊ और लंबे समय तक समाधान प्रदान करते हैं और पोषक तत्वों से भरपूर फूड की उपलब्धता, पहुंच और सामर्थ्य सुनिश्चित करने में मदद करते हैं, साथ ही विविध फूड के उपभोग को बढ़ावा देते हैं. गाइडलाइन्स मोटापा रोकने के लिए बैलेंस डाइट खाने और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के महत्व पर बल देते हैं. वे नियमित व्यायाम के महत्व, ज्यादा प्रोसेस्ड फूड के सेवन को कम करने और सूचित और हेल्दी विकल्प बनाने के लिए फूड लेबलों की जांच करने के महत्व को भी रेखांकित करते हैं.
कैसी हो डाइट?
ICMR के अनुसार, 2000 किलो कैलोरी प्रतिदिन के सेवन के लिए, लोगों को लगभग 250 ग्राम अनाज, 400 ग्राम सब्जियां, 100 ग्राम फल, 85 ग्राम दाल/अंडे/मांसाहारी भोजन, 35 ग्राम मेवे और बीज और 27 ग्राम फैड/तेल खाना चाहिए. ICMR ने कम से कम 8 फूड ग्रुप से मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स प्राप्त करने की सिफारिश की है. इसने कहा कि अनाज का सेवन कुल एनर्जी का 45 प्रतिशत तक सीमित किया जाना चाहिए, जो वर्तमान में 50 से 70 प्रतिशत तक है.
माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी
ICMR ने उल्लेख किया कि दालों और मांस की ज्यादा लागत के कारण, भारतीय अनाज पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप जरूरी माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का सेवन कम हो जाता है. इसने विभिन्न प्रकार के फूड खाने की सलाह दी क्योंकि सभी आवश्यक पोषक तत्वों वाला कोई एक फूड नहीं है. ICMR ने कहा कि शाकाहारियों को एन-3 पीयूएफए से भरपूर फूड जैसे अलसी, चिया के बीज आदि का सेवन करना चाहिए क्योंकि उनके लिए पर्याप्त विटामिन बी12 और एन-3 पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण होता है.