आयरन शरीर के लिए एक आवश्यक खनिज है, जो हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है. यह हमारे शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. खासतौर पर महिलाओं के लिए आयरन का लेवल बैलेंस होना बेहद जरूरी है, क्योंकि मासिक धर्म, गर्भावस्था और प्रसव के दौरान आयरन की कमी का खतरा अधिक होता है. अगर आयरन की कमी को नजरअंदाज किया जाए, तो यह कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकती है.


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आयरन की कमी के शुरुआती संकेतों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है. इनमें शामिल हैं:


थकान और कमजोरी: आयरन की कमी से शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती, जिससे व्यक्ति लगातार थका हुआ महसूस करता है.
सांस फूलना: हल्की फिजिकल एक्टिविटी में भी सांस लेने में परेशानी होना आयरन की कमी का संकेत हो सकता है.
पीली त्वचा और नाखून: आयरन की कमी से त्वचा और नाखूनों में पीलापन आ सकता है.
बाल झड़ना: लंबे समय तक आयरन की कमी बालों के झड़ने का कारण बन सकती है.
सिरदर्द और चक्कर आना: शरीर में ऑक्सीजन की कमी के कारण दिमाग तक सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, जिससे सिरदर्द और चक्कर आते हैं.


गंभीर बीमारियां
आयरन की कमी समय रहते ठीक न की जाए, तो यह एनीमिया, प्रेग्नेंसी में दिक्कतें, दिल की बीमारी और इम्यून सिस्टम कमजोर होने जैसी समस्याओं को जन्म दे सकती है.


आयरन की कमी दूर करने के उपाय
* डाइट में आयरन रिच चीजें शामिल करें. हरी पत्तेदार सब्जियां, अनार, चुकंदर, सेब, किशमिश, और सूखे मेवे खाएं.
* विटामिन सी का सेवन बढ़ाएं. यह आयरन के अवशोषण में मदद करता है.
* आयरन सप्लीमेंट्स का सेवन. डॉक्टर की सलाह से आयरन की गोलियां लें.


आयरन की कमी को नजरअंदाज करना आपकी सेहत के लिए भारी पड़ सकता है. यदि आप इनमें से किसी भी संकेत का अनुभव करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और आयरन की मात्रा बैलेंस रखने के उपाय अपनाएं. हेल्दी डाइट और समय पर जांच के साथ आप इस समस्या से बच सकते हैं.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.