उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक महीने से पड़ रही कड़ाके की ठंड ने युवाओं के दिल को कमजोर कर दिया है. इसलिए पहली बार 23 से 40 साल के युवाओं में हार्ट अटैक के मामलों में तीन गुना से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है, इनमें 32 साल तक के सबसे ज्यादा युवाओं को हार्ट अटैक हुआ है. 388 युवाओं में हार्ट अटैक के लिए डॉक्टरों ने तनाव, अल्कोहल और स्मोकिंग को मुख्य वजह माना है. इन युवाओं की केस हिस्ट्री तैयार कर हार्ट अटैक के ट्रेण्ड का अब नए सिरे से व्यापक अध्ययन किया जाएगा.


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एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में 1 जनवरी से लेकर 22 जनवरी तक की रिपोर्ट तैयार की गई है. सबसे चिंताजनक तथ्य यह सामने आया कि पहली बार 388 युवाओं (40 साल से कम) को हार्ट की दिक्कत डायग्नोस की गई. रिपोर्ट के मुताबिक, जान बचाने के लिए पहली बार 16 युवा मरीजों में पेसमेकर लगाने की जरूरत पड़ी. पेसमेकर का मतलब यह हुआ कि मरीजों की हार्ट बीट में खासा उतार-चढ़ाव ने ही डॉक्टरों को पेसमेकर लगाना सुरक्षित उपाय लगा है. और तो और इतने दिनों में 200 मरीजों की एंजियोप्लास्टी की गई, जिनमें 79 युवाओं की एंजियोप्लास्टी भी शामिल रही.


युवाओं में हार्ट अटैक का कारण
रिपोर्ट की मानें तो लाइफस्टाइल में बदलाव संग युवाओं में तनाव, अल्कोहल और स्मोकिंग को हार्ट अटैक का अहम कारण माना जा रहा है. डॉक्टरों ने बताया कि युवाओं की केस हिस्ट्री में यह तथ्य सामने आए हैं.


तनाव क्यों पड़ रहा भारी 
मरीजों का इलाज कर रहे कार्डियोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एसके सिन्हा कहते हैं कि लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ युवाओं के दिल की कमजोरी की तीन वजह सामने आ रहीं हैं. युवा वर्ग लगातार तनाव में है, इससे कोर्टिसोल हार्मोन के कम-ज्यादा होने से हाइपरटेंशन एकदम से बढ़ता. इसमें किसी को भी कभी हार्ट अटैक पड़ सकता है. हालांकि इस बार बीपी कम होने के केस भी देखे गए हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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