Maternal Deaths Increase: संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों द्वारा जारी एक रिपोर्ट में दुनिया के कई हिस्सों में मैटरनल डेथ (प्रेग्नेंसी या डिलीवरी के दौरान मौत) खतरनाक वृद्धि का खुलासा किया गया है. ट्रेंड्स इन मैटरनल मॉर्टेलिटी शीर्षक वाली रिपोर्ट का अनुमान है कि गर्भावस्था या प्रसव के दौरान हर दो मिनट में एक महिला की मौत होती है. यह चिंता पैदा करता है कि दुनिया के लगभग सभी क्षेत्रों में मैटरनल डेथ या तो बढ़ गई है.


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संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में दुनिया भर में अनुमानित 287,000 मौतें दर्ज की गई थी. हालांकि, यह कहा गया कि मैटरनल डेथ को कम करने में प्रगति काफी हद तक रुकी हुई है, या कुछ में 2015 के बाद भी मामले उलट गए. रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा कि दुनिया भर में लाखों गर्भवती महिलाओं को अधिक गुणवत्ता, सम्मानजनक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच की कमी का सामना करना पड़ रहा है.


हाई मैटरनल डेथ रेट वाले क्षेत्र
ज्यादातर मैटरनल डेथ दुनिया के सबसे गरीब हिस्सों और संघर्ष से प्रभावित देशों में केंद्रित है. सब-सहारा अफ्रीका में 2020 में दर्ज की गई सभी मैटरनल डेथ का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा था. गंभीर मानवीय संकट का सामना कर रहे 9 देशों में प्रति 1,00,000 जीवित जन्मों पर 551 मैटरनल डेथ थीं. यह विश्व औसत (प्रति 1,00,000 जीवित जन्मों पर 223 मैटरनल डेथ) के दोगुने से भी अधिक है.


मैटरनल डेथ का प्रमुख कारण
रिपोर्ट के मुताबिक, मैटरनल डेथ के प्रमुख कारणों में शामिल हैं


  • अत्यधिक ब्लीडिंग

  • हाई ब्लड प्रेशर

  • गर्भावस्था से संबंधित संक्रमण

  • असुरक्षित गर्भपात से जटिलताएं

  • एचआईवी/एड्स और मलेरिया जैसी बीमारियां जो प्रेग्नेंसी से बढ़ सकती हैं


ज्यादा गुणवत्ता और सम्मानजनक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच के साथ इन सभी कारणों को काफी हद तक रोका जा सकता है और इलाज योग्य है.


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