न्यूयॉर्क: कैंसर अब तक की सबसे खतरनाक और जानलेवा बीमारी है. अगर समय पर सही इलाज हो तो इस बीमारी को मुंह तोड़ जवाब दिया जा सकता है. कीमोथेरेपी को लेकर अब भी कई जगह असमंजस की स्थिती बनी हुई है. अब तक इसे कैंसर से निपटने के का रामबाण समझा जाता था लेकिन हाल ही में हुए एक शोध में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.


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छोटी अवधी के लिए बेहतर उपचार है लेकिन लंबे समय के लिए नहीं.


शोध रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कैंसर कारक ट्यूमर को खत्म करने के लिए यदि कीमोथेरेपी का उपयोग किया जाता है तो इससे शरीर के अन्य हिस्सों में इसके फैलने की आशंका बढ़ जाती है. न्यूयॉर्क स्थित एल्बर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन में हुए शोध में विशेषज्ञों ने पाया कि कीमोथेरेपी कैंसर का छोटी अवधी के लिए बेहतर उपचार है लेकिन लंबे समय के लिए नहीं. 


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कीमोथेरेपी पहला विकल्प


रिसर्च रिपोर्ट में दावा करते हुए कहा गया है कि यह कैंसर की आक्रामक रूप से वापसी का भी कारण बन सकता है. स्तन कैंसर के मरीजों के इलाज के लिए कीमोथेरेपी पहला विकल्प हो सकता है. यह बीमारी पर हमला कर उसे जड़ से खत्म भी कर सकता है. लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि यह लंबी अवधि की राहत नहीं हो सकता है. 


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नए ट्यूमर को जन्म देने की राह खोलता है


उनका कहना है कि कीमोथेरेपी से ट्यूमर को खत्म करने की कोशिश के साथ-साथ यह नए ट्यूमर को जन्म देने की राह खोलता है. जिसके चलते कैंसर गंभीर रूप अख्तियार कर सकता है और इसका इलाज करना पहले से अधिक मुश्किल हो सकता है. प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर जॉर्ज कारागिएनिस ने जानकारी देते हुए बताया कि ऑपरेशन के पहले की जाने वाली कीमोथेरेपी के बाद ट्यूमर के ऊतकों की पड़ताल की जा सकती है. इससे यह देखा जा सकता है कि अगर ट्यूमर के मार्कर बढ़ रहे हैं तो कीमोथेरेपी को रोककर, पहले ऑपरेशन किया जा सकता है.


ब्लड सर्कुलेशन के साथ पूरे शरीर में फैलने के खतना 


गोलियों दवाइयों या इंट्रा वेनस ड्रिप के माध्यम से दी गई कीमोथेरेपी की दवा ब्लड सर्कुलेशन के साथ पूरे शरीर में फैल सकती है. जिससे दवा के ट्यूमर से निकलकर शरीर के दूसरे अंगों पर हमले की फिराक में बैठी कैंसर कोशिकाओं तक पहुंचने की संभावनाए बढ़ जाती है. स्तन कैंसर के ज्यादातर मामलों में इसी तरह की समस्याएं देखने को मिली है.