अकेलापन एक गंभीर समस्या है जो लाखों लोगों को प्रभावित करती है. अकेलापन का मतलब है कि आप अपने आस-पास के लोगों से जुड़े हुए महसूस नहीं करते हैं. अकेलेपन का अनुभव करना किसी के लिए भी मुश्किल हो सकता है, लेकिन यह विशेष रूप से बुजुर्गों, विकलांग लोगों और सामाजिक रूप से अलग-थलग लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है.


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एक नए अध्ययन में पाया गया है कि जिन लोगों कि सोशल लाइफ अच्छी नहीं है, उनमें दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है. अध्ययन को चीन में स्थित नानजिंग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया था. अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने 12 हजार से अधिक लोगों के डेटा का विश्लेषण किया, जिन्हें 10 साल के लिए ट्रैक किया गया था.


हार्ट अटैक का खतरा 29% अधिक
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों के पास कम सामाजिक संपर्क थे, उनमें दिल का दौरा पड़ने का खतरा 29% अधिक था. इस खतरे में वृद्धि उन लोगों में अधिक स्पष्ट थी, जो अकेले रहते थे, जिनके पास कम दोस्तों थे या जो कम सामाजिक गतिविधियों में शामिल थे. शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि अकेलापन दिल की बीमारी के खतरे को बढ़ा सकती है क्योंकि यह तनाव और डिप्रेशन को ट्रिगर कर देती है.


अकेलेपन का दिल की बीमारी पर प्रभाव
अकेलेपन से कई तरह से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है. अकेलापन से तनाव बढ़ सकता है, जो ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ा सकता है. अकेलापन नींद की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर सकता है, जो दिल की बीमारी के खतरे को बढ़ाने के लिए एक और फैक्टर है.


अकेलापन दूर करने के उपाय
- नए दोस्त बनाएं: नए लोगों से मिलें और दोस्ती बनाएं. आप किसी क्लब, समूह या गतिविधि में शामिल होकर ऐसा कर सकते हैं.
- अपने परिवार के साथ समय बिताएं: अपने परिवार के साथ समय बिताएं. उनके साथ बातचीत करें, उनके साथ बाहर जाएं या कोई गतिविधि करें.
- सामाजिक गतिविधियों में भाग लें: सामाजिक गतिविधियों में भाग लें. इससे आपको नए लोगों से मिलने और दोस्त बनाने में मदद मिलेगी.