क्या आप जानती हैं कि रात भर की अच्छी नींद न सिर्फ आपको तरोताजा रखती है, बल्कि आपके दिल की सेहत के लिए भी बेहद जरूरी है? जी हां, हाल ही में हुए एक अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इस अध्ययन के अनुसार, जो महिलाएं पूरी नींद नहीं लेती हैं, उनमें दिल की बीमारी का खतरा 75% तक बढ़ सकता है.


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जर्नल 'सर्कुलेशन' में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि रात में नियमित रूप से सात घंटे से कम सोना और जल्दी उठना या रात भर जागना भविष्य में स्ट्रोक, हार्ट अटैक और मायोकार्डियल इंफार्क्शन (दिल की मसल्स में खून का फ्लो ब्लॉक होने से होने वाले डैमेज) के खतरे को बढ़ा सकता है. स्टैनफोर्ड मेडिसिन की कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एलोनोर लेविन ने हेल्थलाइन को बताया कि कैंसर से अधिक महिलाओं की मौत दिल की बीमारी से होती है. रिस्क फैक्टर को कंट्रोल करने से महिलाओं में दिल की बीमारी को रोक सकते हैं.


अध्ययन के बारे में
शोधकर्ताओं ने 42 से 52 वर्ष की आयु के 2,964 महिलाओं की नींद की आदतों और स्वास्थ्य परिणामों का मूल्यांकन किया. प्रतिभागी या तो प्री-रीमेनोपॉजल थीं या शुरुआती पेरीमेनोपॉजल स्टेज में थीं. इसके अलावा, वह हार्मोन थेरेपी का उपयोग नहीं कर रही थीं और उन्हें दिल की बीमारी नहीं थी. 22 वर्षों से अधिक समय में, प्रतिभागियों ने 16 विजिट पूरे किए, जहां उन्होंने अपनी नींद की आदतों के बारे में क्वेस्चनेर (प्रश्नावली) पूरी की.


अध्ययन का परिणाम
प्रश्नावली में उनके मानव-विज्ञान संबंधी माप (जैसे उनकी ऊंचाई और वजन) ब्लड टेस्ट और दिल से जुड़ी समस्याओं (जैसे मायोकार्डियल इंफार्क्शन, स्ट्रोक या हार्ट फेल) के बारे में भी प्रश्न शामिल थे. महिलाओं में से लगभग एक चौथाई ने नियमित रूप से अनिद्रा के लक्षणों का अनुभव किया, जैसे सोने में परेशानी, रात में जागना या प्लान से पहले उठना. वहीं, 14 प्रतिशत को अक्सर कम नींद की अवधि का सामना करना पड़ा. इसके अलावा, लगभग 7% ने बताया कि उन्हें लगातार अनिद्रा के लक्षण और कम नींद की अवधि होती है.


शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन महिलाओं में लगातार अनिद्रा के लक्षण अधिक थे, उनमें दिल की बीमारी विकसित होने का खतरा अधिक था. इसके अलावा, जो महिलाएं नियमित रूप से रात में पांच घंटे से कम सोती थीं, उनमें दिल की बीमारी का थोड़ा अधिक खतरा था.


दिल को कैसे नुकसान पहुंचाती है खराब नींद
नींद की कमी हाई ब्लड प्रेशर और इंसुलिन रजिस्टेंस को बढ़ा देती है. यह दोनों ही दिल की बीमार के लिए रिस्क फैक्टर हैं. डॉक्टर लेविन का कहना है कि नींद की कमी हाई ब्लड प्रेशर को और खराब कर देती है और इससे अधिक कार्बोहाइड्रेट व शुगर का सेवन होने जैसी खराब खान-पान की आदतें भी पड़ सकती हैं, जिससे डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, अनिद्रा से पीड़ित कई लोगों में स्लीप एपनिया भी होता है, जो दिल की बीमारी के लिए एक रिस्क फैक्टर है. गौरतलब है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में दिल की बीमारी के लक्षण अलग होते हैं और उन्हें उचित उपचार मिलने की संभावना भी कम होती है.