स्टडी में खुलासा...पहले ही पता चल जाएगा की आने वाला है हार्ट अटैक!
Study On Heart Attack: शोधकर्ताओं के लिए हार्ट अटैक के संदर्भ में अध्ययन करना और नए महत्वपूर्ण जीनों को खोजना बेहद रोमांचक रहा. हाल ही में हुई एक स्टडी में हार्ट अटैक को लेकर एक बड़ी बात सामने आई है, जिसे वैज्ञानिक सफलता के रूप में देख रहे हैं.
Study On Heart Attack: कोरोना महामारी के बाद से लोगों की दिल की बीमारी की वजह से ज्यादा जान जा रही है. जिस तरह लोगों की जीवनशैली में अचानक बदलाव हुए हैं, उसमें जान जाने की अधिक वजह दिल की बीमारी ही है और ये मामले तेजी से बढ़ते ही जा रहे हैं. आज के समय में यह एक गंभीर समस्या बन चुकी है. इसकी खास वजह ये है कि पहले सिर्फ बुजुर्ग ही दिल की बीमारी का शिकार होते थे, लेकिन आजकल युवा भी हार्ट अटैक की वजह से जान गंवा रहे हैं. अब ये एक चिंता का विषय बन चुका है.
अक्सर ऐसा माना जाता है कि हार्ट अटैक या कोरोनरी हार्ट डिजीज के ज्यादातर मामले लोगों की खराब जीवनशैली का कारण है. लेकिन, हाल ही में वैज्ञानिकों ने हार्ट अटैक के विषय पर अध्ययन कर एक नया खुलासा किया है. इस स्टडी में यह पता चला कि कोरोनरी हार्ट डिजीज और हार्ट अटैक के लिए सिर्फ एक जीन जिम्मेदार होती है. दरअसल, वैज्ञानिकों ने अपनी इस स्टडी में एक ऐसा जीन पाया है, जो हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार होता है.
हार्ट संबंधी बीमारी के लिए बनेगी दवा?
एक खबर के अनुसार, इस स्टडी में कोरोनरी हृदय रोग वाले छह सौ (600) रोगियों और बिना कोरोनरी हृदय रोग के अन्य 150 रोगियों को शामिल किया गया. ये अध्ययन न्यूयॉर्क के इकान स्कूल ऑफ मेडिसीन में कार्डिएक रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया, जिसमें पाया गया कि हार्ट अटैक के लिए एक खास प्रकार का जीन जिम्मेदार होता है. एक प्रमुख शोधकर्ता के मुताबिक, उन्होंने अपनी इस स्टडी के जरिए हार्ट डिजीज को नियंत्रित करने के लिए तीन महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. इसके बाद अब दिल की बीमारी से बचने के लिए नई दवा बनाई जा सकती है.
स्टडी में क्या हुआ खुलासा?
दिल की बीमारी पर की गई इस स्टडी से वैज्ञानिकों को पहली बार यह पता चला है कि किस खास जीन की वजह से व्यक्ति को हार्ट डिजीज या दिल का दौरा आता है. साथ ही यह भी पता चला कि यह जीन शरीर के किस हिस्से में ज्यादा प्रभावी होता है. दरअसल, यह जीन हार्ट आर्टरी में ही होते हैं, जो ब्लॉकेज के लिए जिम्मेदार होते हैं. वहीं यह जीन लिवर में भी पाए जा सकते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाते हैं. वैज्ञानिकों ने इन जीन्स की रैंकिंग भी की है. स्टडी के जरिए उन्होंने कोरोनरी हार्ट डिजीज के लिए जिम्मेदार कुल 162 जीन्स को प्राथमिकता के मुताबिक क्रम में रखा है.
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