Child Disease: आखिर बच्चों में क्यों तेजी से बढ़ रही है किडनी की बीमारी? शरीर देने लगता है ये संकेत
Diseases In Child: क्रोनिक किडनी रोग वयस्कों में अधिक आम है, लेकिन यह बीमारी बच्चों में भी हो सकती है और दुनिया भर में इसका प्रचलन बढ़ रहा है.
Diseases In Child: क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) एक ऐसी स्थिति है जो खून से गंदगी को छानने की किडनी की क्षमता को प्रभावित करती है. हालांकि यह वयस्कों में अधिक आम है, लेकिन यह बीमारी बच्चों में भी हो सकती है और दुनिया भर में इसका प्रचलन बढ़ रहा है. इस स्टोरी में, हम बच्चों में क्रोनिक किडनी रोग के चेतावनी संकेत और लक्षण, कारण और उपचार पर चर्चा करेंगे. तो आइए पता करते हैं.
बच्चों के शरीर में किडनी रोग के शुरुआती संकेत-
बच्चों में क्रोनिक किडनी रोग के लक्षण बीमारी के चरण के आधार पर अलग हो सकते हैं. प्रारंभिक स्टेज में कोई लक्षण नहीं हो सकते हैं, लेकिन जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, लक्षणों सामने आने लगते हैं. बच्चों में क्रोनिक किडनी रोग के ये हो सकते हैं लक्षण.
1. थकान लगना
2. भूख न लगना
3. हाथ पैरों में सूजन
4. जी मिचलाना और उल्टी
5. सामान्य से अधिक या कम पेशाब आना
6. पेशाब में खून आना
7. हाई ब्लड प्रेशर
8. ग्रोथ ना होना
9. हड्डियों में दर्द, अगर आपको अपने बच्चे में इनमें से कोई भी लक्षण दिखते हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें.
क्या हैं बच्चों में क्रोनिक किडनी की बीमारी के कारण-
1. अधिक दवाओं का सेवन-
बच्चों को जिन्हें गंदे हवाओं से जुड़े रोगों के इलाज के लिए दवाएं दी जाती हैं, उनमें अधिक मात्रा में दर्द निवारक दवाएं और सुपारी समेत अन्य दवाएं शामिल होती हैं जो बच्चों की किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
2. अस्वस्थ खानपान-
बच्चों को उन चीजों का सेवन करने की अनुमति दी जाती है जो उनकी किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं जैसे कि अधिक मात्रा में नमक, चाय, कॉफी आदि.
3. जेनेटिक-
बच्चों में किडनी रोग का मुख्य कारण उन्हें अधिकतम मात्रा में नाइट्रोजन वाले उपदातों से रिच फूड का सेवन करने वाले परिवारों से विरासत में पाया जाता है.
बच्चों में किडनी की बीमारी का इलाज-
1. किडनी ट्रांसप्लांट- बच्चों में किडनी की बीमारी के कुछ मामलों में अगर बच्चे के किडनी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, तो किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यक्ता होती है. क्रोनिक किडनी बीमारी की स्थिति को प्रबंधित करने और जटिलताओं को रोकने के लिए शुरुआती पहचान और उपचार आवश्यक हैं. पेरेंट्स को इस बीमारी के चेतावनी संकेतों और लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए. अगर वे अपने बच्चे में इनमें से किसी को भी देखते हैं तो तुरंत चिकित्सक की राय लें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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