pregnancy care tips: जब कोई महिला प्रेगनेंसी से गुजरती है तो उसके शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं. जिसकी वजह से उसे तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो हार्मोनल बदलावों की वजह से महिला के दिमाग पर भी विपरीत असर पड़ता है. लिहाजा महिला को मूड स्विंग्स, स्ट्रेस, चिड़चिड़ापन आदि समस्याएं झेलनी पड़ती हैं.


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इसके अलावा अगर प्रेगनेंसी अनप्लांड होती है या महिला इसके लिए तैयार नहीं होती, तो महिला के अंदर बच्चे के जन्म और उसके बाद की जिम्मेदारियों की चिंता सताने लगती है और उसका स्ट्रेस बढ़ जाता है. 


एक्सपर्ट्स की मानें तो प्रेगनेंसी में थोड़ा बहुत स्ट्रेस तो सामान्य है, लेकिन अगर किसी कारण से तनाव की समस्या बहुत ज्यादा है तो ये महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों पर बुरा असर डाल सकता है. इसलिए इसे कम करना बेहद जरूरी है. 


प्रेगनेंसी में स्ट्रेस से कितना खतरा (danger of stress in pregnancy)
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि तनाव के दौरान शरीर से जो हार्मोन्स रिलीज होते हैं, वो प्रेगनेंसी के दौरान कॉम्प्लीकेशन्स क्रिएट कर सकते हैं. यह एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें अत्यधिक तनाव लेने की वजह से महिला का बीपी बढ़ सकता है, जिसके कारण गर्भपात तक की स्थिति पैदा हो सकती है. इसके अलावा अत्यधिक स्ट्रेस का असर बच्चे के इम्यून सिस्टम पर पड़ सकता है. कई बार मां के बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेने से स्ट्रेस हार्मोन मां के जरिए गर्भस्थ शिशु के शरीर में भी पहुंच जाते हैं, जिसकी वजह से जन्म के बाद बच्चे के स्वभाव में ​भी गुस्सा, चिड़चिड़ापन और तनाव लेने की आदत आ सकती है. 


गर्भवति महिलाएं तनाव को कैसे कंट्रोल करें (pregnant women how to control stress)


1. तनाव कम करने के लिए आपको नियमित रूप से डॉक्टर द्वारा निर्देशित योग और एक्सरसाइज करना चाहिए, इससे माइंड में ब्लड स​र्कुलेशन बेहतर होता है और दिमाग तरोताजा महसूस करता है. यह बच्चे की सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है. 


2. तनाव से दूर रहने के लिए आपको नियमित रूप से सुबह और शाम को कुछ देर मेडिटेशन जरूर करना चाहिए, क्योंकि मेडिटेशन तनाव को कंट्रोल करने का रामबाण उपाय है. एक्सपर्ट्स की मानें तो डीप-ब्रीदिंग वाली एक्सरसाइज करें. इससे मन को शांति मिलेगी.


3. जब भी आपके पास खाली समय है तो अपने दोस्तों से बात करें. उनसे अपने दिल की बातों को शेयर करें. इससे आपके मन का बोझ भी उतर जाएगा और स्ट्रेस भी नियंत्रित होगा.


4. एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर आप प्रेगनेंसी की वजह से परेशान हैं या डिलीवरी और बच्चे की सुरक्षा का डर सता रहा है, तो इसके बारे में विशेषज्ञ से बात करें और सकारात्मक रहें. प्रेगनेंसी के समय को खास समय मानकर एन्जॉय करें.


5. स्ट्रेस को कम करने के लिए आप मनपसंद काम जरूर करें. ऐसा करने से न सिर्फ आपका मन अच्छा होगा बल्कि आपके बच्चे के अंदर भी क्रिएटिविटी आएगी.


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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.