न्यूयॉर्क : एक ताजा अध्ययन के मुताबिक स्वस्थ रहने के लिए न सिर्फ पूरी नींद लेना जरूरी है, बल्कि सोने का समय भी निश्चित होना चाहिए।


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वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार प्रतिदिन एक निश्चित समय पर सोना स्वस्थ जीवन के लिए बेहद जरूरी है। वाशिंगटन विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर इलिया काराटसोरियोज ने चूहों को उनके नियमित नींद चक्र से जगा दिया और पाया कि पूरी नींद लेने के बाद भी उनकी नींद की गुणवत्ता का स्तर अच्छा नहीं था।


काराटसोरियोज ने कहा कि यह निद्रा प्रणाली की अनियमितता को स्पष्ट करता है। लंबे समय में जीव के स्वास्थ्य पर इसका गहरा दुष्प्रभाव पड़ता है। नींद से संबंधित अधिकांश शोध केवल नींद की कमी या जीव के लिए नींद की कुल मात्रा की जरूरत पर ही केंद्रित होते हैं।


काराटसोरियोज और उनके सहयोगियों का यह शोध मस्तिष्क आधारित घड़ी पर नई रोशनी डालता है जो कि विभिन्न जैविक प्रक्रियाओं की लय को नियंत्रित करती है। यह चक्र पौधों और एक कोशिकीय जीवों सहित ऐसे जीवों में पाया जाता है जो 24 घंटे से अधिक जीवित रहते हैं।


शोधकर्ताओं ने पाया नींद के चक्र में बदलाव के कराण रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है और रोगग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाती है। शोधकर्ताओं अनुसार आधुनिक समाज में देर रात तक रोशनी, शिफ्ट में काम, अत्यधिक श्रम और मोबाइल और टेबलेट से निकलने वाली नीली रोशनी के कारण हमारा नींद चक्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है।