Type 3 diabetes: ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन में टाइप 3 डायबिटीज के बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. यह बीमारी शरीर के साथ-साथ दिमाग की सेहत को भी खराब कर रही है. अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि टाइप 3 डायबिटीज अन्य दोनों टाइप की डायबिटीज की तुलना में कहीं अधिक खतरनाक है. यह दिमाग पर हमला करता है. इसकी वजह से मानसिक दिक्कतें शुरू हो जाती हैं.


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अध्ययन को मेडिकल न्यूज टुडे में प्रकाशित किया गया है. अध्ययन के मुताबिक डायबिटीज के मरीजों में आजकल अल्जाइमर की समस्या आम हो गई है. यह टाइप-3 डायबिटीज के कारण ही हो रही है. इसमें इंसुलिन प्रतिरोध और दिमाग में इंसुलिन जैसे शारीरिक विकास के लिए जरूरी फैक्टर्स की कमी होती है, जो धीरे-धीरे अल्जाइमर रोग का कारण बन सकती है.


सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस
शोधकर्ताओं ने बताया कि टाइप 3 डायबिटीज दिमाग में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का कारण बनती है. यह दोनों ही कारक अल्जाइमर रोग के लिए जिम्मेदार होते हैं. टाइप 3 डायबिटीज के मरीजों में अल्जाइमर रोग के लक्षण जल्दी दिखाई देने लगते हैं.


याददाश्त पर गहरा असर
इस बीमारी के चलते मरीज की याददाश्त पर गहरा असर पड़ता है, जिसके कारण उसे दिमाग से जुड़ी कई बीमारियां हो सकती हैं. दिमाग से जुड़ी यह बीमारी पैतृक भी हो सकती है, जिसके वजह से पीढ़ी दर पीढ़ी फैलने का खतरा रहता है. इस बीमारी से जुड़े लक्षण काफी आम और सुनने में सहज सुनाई देते हैं, लेकिन समय रहते अगर उनकी जांच नहीं कराई तो वह काफी घातक भी साबित हो सकते हैं. टाइप 3 मधुमेह के लक्षणों की पहचान करना काफी मुश्किल होता है.


क्या हैं लक्षण
- याददाश्त कमजोर होना
- नई योजनाएं बनाने और लिखने में दिक्कत का सामना करना
- घर की आम गतिविधियों को पूरा करने में नाकाम रहना
- किसी एक विषय पर अपनी राय ना बना पाना
- मिलने की जगह बार बार भूल जाना
- सामाजिक और आर्थिक कार्यों के प्रति कम होती रुचि
- चीजें इधर-उधर रखकर भूल जाना
- मूड में काफी तेजी से बदलाव होना 
- लिखी हुई बातों को समझने में दिक्कत आना