बाथरूम में फोन यूज करने से हो सकती हैं गंभीर बीमारियां, तुरंत छोड़ दें ये आदत
कई लोग समझते हैं कि टॉयलेट में बैठकर कुछ समय फोन पर बिताने से कुछ नहीं होता है, लेकिन सच्चाई ये नहीं है. बाथरूम में लंबे समय तक फोन चलाना आपकी सेहत पर गलत प्रभाव डाल सकता है.
आज स्मार्टफोन के युग में हर जगह, हर काम के लिए फोन का इस्तेमाल होना आम हो गया है. ऐसे में बाथरूम भी इससे अछूता नहीं रहा है. आज के दौर में शौचालय का समय भी सोशल मीडिया, चैटिंग और गेमिंग का अखाड़ा बन गया है.
कई लोग समझते हैं कि टॉयलेट में बैठकर कुछ समय फोन पर बिताने से कुछ नहीं होता है, लेकिन सच्चाई ये नहीं है. बाथरूम में लंबे समय तक फोन चलाना आपकी सेहत पर कई तरह के गलत प्रभाव डाल सकता है. आइए जानते हैं इसके कुछ प्रमुख नुकसानों के बारे में.
खराब पॉश्चर
बाथरूम में फोन चलाते समय हम अक्सर फोन की तरफ झुकते या गर्दन आगे निकालते हुए बैठते हैं. यह गलत पॉश्चर लंबे समय तक बनी रहने से गर्दन, कमर और पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा कर सकती है. इससे दर्द, तकलीफ और समय के साथ गंभीर मस्क्यूलोस्केलेटल समस्याएं भी हो सकती हैं.
बवासीर का खतरा
टॉयलेट में ज्यादा देर बैठना अपने आप में ही शरीर के निचले हिस्से पर दबाव बनाता है. ऊपर से फोन चलाते हुए अक्सर मलत्याग में अतिरिक्त जोर लगाया जाता है. ये दोनों ही कारक बवासीर के खतरे को बढ़ा देते हैं. बवासीर एक ऐसी स्थिति है जिसमें मलद्वार के आसपास की नसें सूज जाती हैं और दर्द, खून बहने और अन्य परेशानियों का कारण बनती हैं.
ब्लड सर्कुलेशन में कमी
लंबे समय तक बैठे रहने से पैरों में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है. यही स्थिति बाथरूम में फोन चलाते समय भी बनती है. खासकर ठंडे वातावरण में यह समस्या और बढ़ जाती है. इससे पैरों में झनझनाहट, सूजन और गंभीर मामलों में ब्लड क्लॉट्स तक बनने का खतरा हो सकता है.
कीटाणुओं का खतरा
बाथरूम एक ऐसी जगह है जहां प्रचुर मात्रा में बैक्टीरिया और कीटाणु मौजूद होते हैं. टॉयलेट सीट, नल, दरवाजे आदि सभी पर यह कीटाणु पनपते हैं. जब हम फोन को ऐसे वातावरण में इस्तेमाल करते हैं, तो बैक्टीरिया हमारे हाथों से फोन पर चले जाते हैं. बाद में फोन को चेहरे के पास लाने या खाने-पीने में इस्तेमाल करने से ये कीटाणु शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और संक्रमण का कारण बन सकते हैं.
आंखों में तनाव और नींद में खलल
स्मार्टफोन की स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी आंखों के लिए हानिकारक होती है. टॉयलेट के कम रोशनी वाले वातावरण में फोन चलाने से यह समस्या और बढ़ जाती है. इससे आंखों का तनाव, धुंधलापन और थकान हो सकती है. इसके अलावा सोने से पहले फोन चलाने से नींद पर भी असर पड़ता है क्योंकि नीली रोशनी मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन को कम करती है जो कि स्वस्थ नींद के लिए जरूरी होता है.
अगर आप भी बाथरूम में फोन चलाने की आदत रखते हैं तो इन स्वास्थ्य जोखिमों को ध्यान में रखकर इस आदत को बदलने का प्रयास करें. खुद को स्वस्थ रखने के लिए बाथरूम में कम से कम समय व्यतीत करें और फोन को बाहर छोड़ कर इस दौरान कुछ और काम करने की कोशिश करें. आपके छोटे से इस बदलाव से आपका शरीर आपको धन्यवाद देगा.