नसों में ब्लॉकेज होने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नस ब्लॉक होने पर पता कैसे चलता है? दरअसल, नसों में ब्लॉकेज होने पर शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देते हैं. जिन्हें समय पर पहचानकर जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं और हार्ट अटैक जैसी जानलेवा स्थिति से बचा जा सकता है. आइए जानते हैं कि नसों में ब्लॉकेज क्यों होती है और इसके लक्षण क्या हैं?


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Coronary Artery Disease: नसों में ब्लॉकेज क्यों होती है?
सीडीसी के मुताबिक, हमारे दिल तक ऑक्सीजन वाला खून पहुंचाने का काम कोरोनरी आर्टरी करती हैं. जिससे दिल को कार्य करने के लिए जरूरी ऑक्सीजन और पोषण मिलता है. लेकिन जब इन कोरोनी आर्टरीज में से किसी एक नस में प्लाक जमकर रक्त प्रवाह को बाधित कर देता है या रोक देता है, तो उसे कोरोनरी आर्टरी डिजीज या हार्ट ब्लॉकेज कहा जाता है. इसी स्थिति को आम भाषा में नसों में ब्लॉकेज होना कहते हैं.


Coronary Artery Disease Symptoms: नसों में ब्लॉकेज होने के लक्षण
सीडीसी कहता है कि नसों में ब्लॉकेज होने का सबसे आम लक्षण सीने में दर्द होना होता है. लेकिन उसके अलावा भी कुछ लक्षणों का आपको सामना करना पड़ सकता है. कोरोनरी आर्टरी डिजीज के सभी लक्षणों के बारे में नीचे जानते हैं.


  • सीने में दर्द या असहजता

  • सिर चकराना

  • कमजोरी महसूस होना

  • जी मिचलाना

  • शरीर ठंडा होने के साथ पसीने आना

  • हाथ या कंधे में दर्द या असहजता महसूस होना

  • सांस फूलने लगना, आदि


नसों में ब्लॉकेज के लक्षण दिखने पर क्या करें?
सीडीसी कहता है कि नसों में ब्लॉकेज होने के कारण धीरे-धीरे आपका दिल कमजोर होने लगता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए नसों में ब्लॉकेज के लक्षण दिखते ही आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और जरूरी हेल्थ टेस्ट करवाने चाहिए. जैसे-


  1. ईसीजी

  2. ईको कार्डियोग्राम

  3. चेस्ट एक्सरे

  4. कोरोनरी एंजियोग्राम

  5. कोरोनरी आर्टरी कैल्शियम स्कैन, आदि


Disclaimer:
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.