Weight Loss Diet: भारत में रोटी के बिना लंच और डिनर अधूरा लगता है. लेकिन कभी-कभी हमारे खाने में बची हुई सब्जी के लिए रोटी खत्म हो जाती है, तो हम तुरंत ब्रेड का विकल्प चुन लेते हैं. हमें लगता है कि रोटी के अलावा ब्रेड हमारे लिए सबसे अच्छा विकल्प है. ब्रेड के भी कई प्रकार की होते हैं जैसे ब्राउन ब्रेड, मल्टीग्रेन ब्रेड और व्हाइट ब्रेड. लेकिन अगर आप अपना वजन कम कर रहें है, तो आपको पता होना चाहिए कि ब्रेड खाना ठीक रहेगा या रोटी?


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आपको बता दें कि रोटी और ब्रेड दो अलग-अलग प्रकार के ब्रेड हैं और एक दूसरे के लिए कोई अच्छा विकल्प नहीं हैं. आइए जानते हैं क्यों?


1. रोटियां गेहूं के आटे से बनती है
रोटियां ज्यादातर गेहूं के आटे से बनी होती हैं, जो फाइबर से भरपूर होती हैं. साथ ही, अन्य अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, रागी आदि का उपयोग करके बनाई गई रोटियां भी घरों में लोकप्रिय है. आप आटे की रोटियों को वजन घटाने के अनुकूल बनाने के लिए कोशिश कर सकते हैं. वहीं, दूसरी ओर, माना जाता है कि ब्रेड के स्लाइस जो पूरे गेहूं से बने होते हैं, वे भी आंशिक रूप से मैदा से बने होते हैं, जो आपके पाचन तंत्र में कहर बरपा सकते हैं.


2. फाइबर कंटेंट
गेहूं की रोटी में कार्बोहाइड्रेट, घुलनशील फाइबर, और प्रोटीन होता है, जो एक हेल्दी विकल्प है. ये फाइबर एनर्जी को बूस्ट, हेल्दी ब्लड सर्कुलेशन और आपको लंबे समय तक पूर्ण महसूस करते हैं.


3. ब्रेड में यीस्ट (yeast)
ब्रेड को फुलाने के लिए यीस्ट का इस्तेमाल किया जाता है, जो आपके पाचन तंत्र को खराब कर सकते हैं. ब्रेड में यीस्ट शरीर में डिहाइड्रेशन का कारण बनता है. इसके अलावा, बाजार में आसानी से मिलने वाले ब्राउन ब्रेड में कभी-कभी रंग मिलाया जाता है. इसलिए, केवल ब्रेड के रंग को देखकर इसे चुनना सही नहीं है.


4. ताजा होती है रोटी
ब्रेड में काफी प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए ये एक हफ्ते तक चल सकती है. हालांकि, रोटियों को ताजा बनाया और खाया जाता है, क्योंकि उनकी लाइफ कम होती है और ताजा न खाने पर बासी हो जाती हैं.


5. सब्जियां भरकर रोटियों को हेल्दी बनाया जा सकता है
हम सभी जानते हैं कि भारत में नाश्ते के लिए एक नियमित रोटी नहीं बनाते हैं. हम में से बहुत से लोग नाश्ते में स्टफ्ड पराठा खाना पसंद करते हैं. सब्जियों या दालों को मिलाने से रोटियों में पोषण की मात्रा बढ़ जाती है.


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