आज के समय में व्हे प्रोटीन (Whey Protein) एक बेहद लोकप्रिय सप्लीमेंट है, खासकर खेल प्रेमियों, बॉडीबिल्डर्स और फिटनेस के प्रति उत्साही लोगों के बीच. यह मसल्स की वृद्धि और पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए जाना जाता है और प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए इसे सुरक्षित और प्रभावी माना जाता है. लेकिन कुछ लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या व्हे प्रोटीन लिवर की सेहत पर नेगेटिव प्रभाव डाल सकता है, खासकर लिवर के बढ़ने (Hepatic Enlargement) की संभावना के संदर्भ में.


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व्हे प्रोटीन, दूध से निकाला गया एक बाय-प्रोडक्ट है, जो पनीर बनाने की प्रक्रिया में बनता है. यह एक हाई क्वालिटी वाला प्रोटीन है, जिसमें आवश्यक अमीनो एसिड्स मौजूद होते हैं, जो मसल्स की मरम्मत और वृद्धि में मददगार होते हैं. इसका पाचन तेजी से होता है, इसलिए इसे अक्सर वर्कआउट के बाद लिया जाता है. सामान्य रूप से, यदि इसे सही मात्रा में लिया जाए, तो यह सुरक्षित माना जाता है. हालांकि, कुछ लोगों को इसके ज्यादा सेवन या पहले से मौजूद लिवर की बीमारियों से जुड़े इसके प्रभाव को लेकर चिंता हो सकती है.


क्या व्हे प्रोटीन से लिवर पर असर पड़ सकता है?
वर्तमान में किए गए शोध यह साबित नहीं करते कि हेल्दी व्यक्तियों में व्हे प्रोटीन के सेवन से लिवर के बढ़ने की कोई सीधा संबंध है. 2024 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, हेल्दी व्यक्तियों में व्हे प्रोटीन के अधिक मात्रा में सेवन से लिवर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पाया गया. हालांकि, जिन व्यक्तियों को पहले से ही लिवर की समस्याएं हैं, जैसे कि सिरोसिस या नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD), उन्हें व्हे प्रोटीन का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.


लिवर बढ़ने और प्रोटीन का ज्यादा सेवन
लिवर बढ़ने का मुख्य कारण प्रोटीन का ज्यादा सेवन हो सकता है, न कि केवल व्हे प्रोटीन. लिवर प्रोटीन के मेटाबॉलिज्म में अहम भूमिका निभाता है और जब शरीर को आवश्यकता से अधिक प्रोटीन दिया जाता है, तो लिवर पर दबाव बढ़ सकता है. लंबे समय तक ज्यादा प्रोटीन सप्लीमेंट्स का दुरुपयोग लिवर एंजाइम्स के बढ़ने जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है, लेकिन यह दुर्लभ है और ज्यादा सेवन से जुड़ा होता है.