भारत में पेट का कैंसर के बढ़ते मामले चिंता का विषय बन गया है. यह देश में पुरुषों में पांचवां और महिलाओं में सातवां सबसे आम कैंसर है. वहीं, दुनियाभर में यह कैंसर से संबंधित मौत का दूसरा सबसे आम कारण है. एक्सपर्ट भारत में पेट का कैंसर के बढ़ते मामलो के पीछे एक्सपर्ट ने मसालेदार भोजन, प्रिजर्व्ड फूड, धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन जैसे लाइफस्टाइल फैक्टर के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं.


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मसालेदार और प्रिजर्व्ड फूड का सेवन (कुछ खाना पकाने के तरीकों जैसे ग्रिलिंग या चारकोल-कुकिंग के साथ) पेट के कैंसर के बढ़े हुए जोखिम से लिंक है. मिर्च और लाल मिर्च में पाया जाने वाला कैप्साइसिन (जो मसालेदार स्वाद देता है. संभावित रूप से पेट की परत को परेशान कर सकता है और पेट के एसिड के उत्पादन को बढ़ा सकता है. यह लगातार जलन और सूजन पेट की परत को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे समय के साथ कैंसरग्रस्त वृद्धि का विकास हो सकता है.


पेट का कैंसर के शुरुआती संकेत
- पेट में दर्द, विशेष रूप से पेट के ऊपरी हिस्से में
- पेट में सूजन
- वजन कम होना
- उल्टी
- मतली
- भोजन निगलने में कठिनाई
- आमाशय में खून बहना
- मल में खून आना या काला मल


पेट के कैंसर के लक्षण
- बुखार
- थकान
- कमजोरी
- पसीना आना
- गंभीर एनीमिया
- पेट में उभार


पेट के कैंसर के खतरे को कैसे कम करें?


स्वस्थ आहार अपनाएं
फलों और सब्जियों से भरपूर संतुलित आहार अपनाएं, साथ ही नमक और लाल मांस का सेवन कम करें. विटामिन सी, बीटा-कैरोटीन और कैरोटीनॉयड (खट्टे फल, पत्तेदार साग, गाजर) से भरपूर फूड आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं.


तंबाकू से परहेज करें
विभिन्न कैंसरों (जिसमें पेट का कैंसर भी शामिल है) के खतरे को बढ़ाने के लिए जाने जाने वाले तंबाकू उत्पादों के उपयोग को समाप्त करें.


स्वस्थ वजन बनाए रखें
स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए नियमित शारीरिक गतिविधि में शामिल हों, जो समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करता है और शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है.