शॉपिंग करना किस महिला को नहीं पसंद लेकिन ऐसी खरीददारी जिसमें आप लाखों खर्च कर दें और इस बारे में आपको खुद ही याद ना रहे तो यह अजीब है. पर ऐसा होना नामुमकिन सा लगता है. आपको यकीन नहीं होगा लेकिन ऐसा न्यूयॉर्क की एक 42 साल की महिला के साथ हुआ है. उन्होंने नींद में  3000 पाउंड यानी की 3.2 लाख की शॉपिंग की, जिसके बारे में उन्हें खुद याद नहीं.


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न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, इस महिला को एक रेयर स्लीप डिसऑर्डर है. इसके कारण उनसे ऐसी कई हरकत हो जाती हैं, जिसके बारे में उन्हें खुद याद करने में समय लग जाता है. यहां आप इस बीमारी इसके लक्षण के बारे में जान सकते हैं. 


क्या है पैरासोम्निया

स्लीप फाउंडेशन के अनुसार, पैरासोम्निया एक तरह का स्लीपिंग डिसऑर्डर है. इसमें व्यक्ति कई ऐसी एक्टिविटी करता है, जो नॉर्मल तो होती है लेकिन इसे होश में नहीं किया जाता है. ये नींद की गड़बड़ियां किसी भी उम्र में हो सकती हैं, लेकिन बच्चों में अधिक आम हैं. ये आमतौर पर हानिकारक नहीं होती हैं, लेकिन कुछ मामलों में ये नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती हैं और दैनिक जीवन में कठिनाइयों का कारण बन सकती हैं.


पैरासोम्निया के लक्षण

नींद के दौरान उठकर चलना या घूमना
नींद के दौरान बोलना या चिल्लाना
नींद के दौरान तीव्र भय या आतंक की भावनाएं
नींद के दौरान दांतों को पीसना या कुरचना
नींद में बिस्तर गीला करना, विशेष रूप से बच्चों में
नींद में शॉपिंग करना


पैरासोम्निया के कारण

पैरासोम्निया के सटीक कारण अज्ञात हैं, लेकिन कुछ कारक जो इसे बढ़ा सकते हैं, उनमें शामिल हैं: आनुवंशिकता,यदि परिवार में नींद की समस्याओं का इतिहास है, तो बच्चे में पैरासोम्निया का खतरा बढ़ सकता है. इसके अलावा तनाव ,अनियमित नींद की आदतें, कैफीन और शराब का सेवन, बुखार या अन्य बीमारियां नींद के पैटर्न को बाधित कर सकती हैं और पैरासोम्निया के एपिसोड को ट्रिगर कर सकती हैं.

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कैसे करें पैरासोम्निया मैनेज

अधिकांश मामलों में, पैरासोम्निया स्वयं ही दूर हो जाता है. हालांकि, कुछ मामलों में, निम्नलिखित उपाय मददगार हो सकते हैं-


नियमित नींद की आदतें- नियमित नींद का समय बनाए रखें और सोने से पहले शांत वातावरण बनाएं.


तनाव प्रबंधन- तनाव कम करने के लिए तकनीकों का उपयोग करें, जैसे योग, ध्यान या व्यायाम.


सुरक्षा उपाय- यदि आप या आपका बच्चा नींद में चलते हैं, तो घर को सुरक्षित बनाएं, जैसे कि सीढ़ियों पर गेट लगाना और खिड़कियां बंद रखना.


चिकित्सा सहायता- गंभीर मामलों में, डॉक्टर नींद अध्ययन (स्लीप स्टडी) की सिफारिश कर सकते हैं और उपचार विकल्पों पर चर्चा कर सकते हैं, जैसे कि दवा या बिहेवियर थेरेपी.
 


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.