Archaeological Survey Of India: हाल ही में एएसआई विभाग को कई ऐतिहासिक वस्तुएं और इतिहास की रोचक जानकारियां मिली हैं. मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey Of India - ASI) की टीम ने 2000 साल पुरानी चीजों की खोज की है. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में खोज के दौरान मिली ऐतिहासिक धरोहर बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म से संबंधित हैं.


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क्या-क्या मिला


बांधवगढ़ में ASI ने इलाके के सर्वे के दौरान कई महत्वपूर्ण चीजों की खोज की है. इस खोज में 26 मंदिर मिले हैं जो हैरान करने वाली बात है. इसके अलावा 26 गुफाएं, 2 मठ और स्तूप भी मिले हैं. खोज के दौरान 24 अभिलेख, 46 कलाकृतियां और 19 जल संरचनाओं की प्राप्ति हुई है.


9वीं सदी के मंदिर


टाइगर रिजर्व में मिले मंदिर 9वीं सदी के हैं. मंदिर 2000 साल पुराने हैं जिनमें कई प्राचीन मूर्तियां मिली हैं. इसमें भगवान विष्णु की शयन मुद्रा वाली मूर्ति और और वराह की मूर्तियां खास हैं.


महाराष्ट्र की तरह हैं गुफाएं


बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एएसआई को कुल 26 गुफाएं मिली हैं. ये गुफाएं महाराष्ट्र की गुफाओं से मिलती-जुलती हैं. गुफाओं को बौद्ध धर्म से जोड़कर देखा जा रहा है. एएसआई के मुताबिक, ये गुफाएं मानव निर्मित हैं.


ब्राह्मी लिपि के अभिलेख


गुफाओं के अंदर ब्राह्मी लिपि में लिखे गए कई अभिलेखों की प्राप्ति हुई है. अभीलेखों को पढ़ने पर पता चलता है कि ये भीमसेना, महाराजा पोथासिरी और महाराजा भट्टादेवा के समय के हैं. अभिलेखों में मथुरा, पवत, वेजभरदा, सपतनाइरिका और कौशांबी जैसी जगहों का उल्लेख मिलता है. 


बांधवगढ़ का इतिहास


बांधवगढ़ पर लंबे समय तक मघ राजवंश का शासन रहा. बांधवगढ़ का जिक्र शिव पुराण में है. मान्यता है कि लंका से अयोध्या लौटते वक्त बांधवगढ़ को भगवान राम ने भाई लक्षण को उपहार के तौर पर दिया था. 


बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व 


बांधवगढ़ नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में है. इसकी स्थापना 1968 में की गई थी. बांधवगढ़ में बाघों की संख्या क्षेत्रफल के हिसाब से बहुत ज्यादा है. 32 पहाड़ियों से घिरे इस नेशनल पार्क को बाघों का पुनर्स्थापना का केंद्र भी कहा जाता है. 


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