एक तरफ भाजपा मौजूदा सांसदों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करा रही है तो दूसरी तरफ उसने 2019 के लोकसभा चुनाव में हारी या कमजोर मानी जा रही 160 सीटों के लिए बड़ा प्लान तैयार किया है. जी हां, इन 160 सीटों पर बीजेपी 14 जनवरी के बाद ही उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है. सत्ताधारी दल ने 2023 बीतने से पहले ही अगले चुनाव की रणनीति तैयार कर ली है. पीएम नरेंद्र मोदी खुद नए साल में चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे. संसद के शीतकालीन सत्र के समापन के बाद ही पीएम के राज्यों में दौरे शुरू हो जाएंगे. हर राज्य में दो से तीन दिन पीएम रहेंगे. सरकारी दौरों में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास का कार्यक्रम होगा. साथ ही मोदी बड़ी रैलियों को भी संबोधित करेंगे. 


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डेढ़ साल से काम कर रही भाजपा


हाल में भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि दूसरी पार्टियां अब लोकसभा चुनाव की तैयारी करेंगी लेकिन उनकी पार्टी ने करीब डेढ़ साल पहले से तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने स्पष्ट कहा था कि भाजपा ने उन 160 सीटों पर विशेष फोकस किया है, जो बीजेपी की नहीं हैं. यानी इन सीटों से विपक्षी दल जीते हैं. भाजपा इस बार 350+ का लक्ष्य लेकर चल रही है. उसने पिछले चुनाव के मुकाबले 12 करोड़ ज्यादा वोट हासिल करने का लक्ष्य बनाया है. 


जल्दी कैंडिडेट की घोषणा से क्या होगा?


  • भाजपा का मानना है कि कमजोर या हारी सीटों पर अगर उनका कैंडिडेट पहले तय हो जाएगा तो उसे अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए ज्यादा समय मिलेगा. 

  • आमतौर पर देखा जाता है कि लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद ही पार्टियां उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करती हैं. विपक्ष शायद यही करे लेकिन भाजपा ने एक कदम आगे जाने का मन बनाया है. 

  • ये 160 सीटें ज्यादातर दक्षिण और पूर्वी भारत की हैं. 

  • इस लिस्ट में सोनिया गांधी की रायबरेली, डिंपल यादव की मैनपुरी जैसी सीटें भी शामिल हैं. 


कुछ घंटे पहले ही भाजपा ने नमो एप के जरिए अपने सांसदों का फीडबैक लेना शुरू किया है. पार्टी जनता से अपने क्षेत्र के तीन संभावित उम्मीदवारों के नाम भी मांग रही है. सांसदों के कामकाज पर जनता का मूड भांपा जा रहा है. पार्टी की कोशिश है कि 2024 लोकसभा चुनाव का टिकट नेता के कद के हिसाब से नहीं बल्कि उसके काम के हिसाब से तय होना चाहिए. वैसे भी पार्टी ने हाल में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और एमपी में नए चेहरों को लाकर बता दिया है कि भाजपा में चौंकाने वाले फैसले लिए जा सकते हैं.