रेल हादसे में मरने वालों की संख्या 24 हुई, प्रभु बोले, दोषी बख्शे नहीं जाएंगे
उत्कल एक्सप्रेस (18477) के 14 कोच शनिवार को पटरी से उतर गए। इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है.
मुजफ्फरनगर : उत्तरप्रदेश में मुजफ्फरनगर के पास खतौली में पुरी से हरिद्वार के बीच चलने वाली उत्कल एक्सप्रेस (18477) के 14 कोच शनिवार को पटरी से उतर गए। इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है. इसके साथ ही घायलों की संख्या 156 हो गई है. घायलों को मुजफ्फरनगर और मेरठ के अस्पतालों में भर्ती किया गया है. कुछ घायलों को प्राइवेट अस्पतालों में भी भर्ती भी किया गया है. ट्रेक को क्लियर करने का काम अभी चालू है. इस मामले में अब रेलमंत्री सुरेश प्रभु का बड़ा बयान आया है. रेल मंत्री ने कहा है कि सबूत के आधार पर इस हादसे की जिम्मेदारी तय होगी. इस बड़े रेल हादसे में लापरवाही करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. अभी हमारी प्राथमिकता हादसे में घायल लेागों का बेहतर इलाज मुहैया कराने की है.
रेल मंत्री ने कहा- सेंट्रल रेलवे बोर्ड को इस हादसे की जिम्मेदारी शाम तक तय करनी चाहिए. इसमें किसी भी तरह की ढिलाई नहीं होनी चाहिए. हादसे में घायलों को सबसे अच्छा इलाज मिले और ट्रेक जल्द से जल्द सुचारू रूप से शुरू हो. रेलवे डिवीजनल मैनेजर आरएन सिंह ने इस ट्रेक को फिर से चालू करने के सवाल पर कहा हमारा प्रयास है कि रात 9 बजे तक ये ट्रेक फिर से चालू हो जाए.
केंद्र में बीजेपी सरकार के आने के बाद से यूपी में ट्रेन और रेलवे ट्रैक अराजक तत्वों के निशाने पर रहे हैं. रेलवे ट्रैक से छेड़छाड़ की घटनाएं लगातार देखने को मिली हैं. कुछ दिन पहले ही बरेली के पास रेलवे ट्रैक से 74 पिन निकाली गईं, लेकिन जांच और सुरक्षा एजेंसियों ने इन्हें आपसी रंजिश में की गई साजिश बताया. मुजफ्फरनगर हादसे की जांच के लिए एटीएस की एक टीम खतौली पहुंची है. पुखरायां में बीते वर्ष हुए ट्रेन हादसे को भी आतंकी साजिश बताया गया था. हालांकि, एनआईए की जांच में यह साबित नहीं हुआ. हाल ही में अमेठी में अकालतख्त एक्सप्रेस में देसी बम मिलने के मामले में एक सप्ताह से ज्यादा बीतने के बाद भी पुलिस और यूपी एटीएस कोई सुराग नहीं लगा पाई है.