आयुष्मान योजना के 4 साल पूरे, हृदय के मरीज ने ठीक होने के बाद कहा- `जितना दिल बचा है, उसी से मोदी जी को थैंक यू!`
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आयुष्मान भारत योजना को 23 सितंबर को 4 साल पूरे हुए हैं और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को 27 सितंबर 2022 को 1 साल पूरा हो रहा है. इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने आज आयुष्मान भारत कार्ड से इलाज करवाने वालों से बात की.
Ayushman Bharat Yojana: आयुष्मान भारत योजना को 23 सितंबर को 4 साल पूरे हुए हैं और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को 27 सितंबर 2022 को 1 साल पूरा हो रहा है. ऐसे में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन लाकर अब लाभार्थियों के क्लेम जल्द से जल्द सेटल किए जाएंगे. पहले क्लेम सेटल होने यानी राज्य सरकार से पैसे मिलने में वक्त लगता था लेकिन अब ये क्लेम डिजिटल पोर्टल से जल्दी सेटल किए जाएंगे.
कई लोगों को मिला लाभ
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया (Dr Mansukh Mandaviya) ने आज आयुष्मान भारत कार्ड से इलाज करवाने वालों से बात की. अंडमान की रहने वाली 12 साल की तनुश्री के ब्रेन ट्यूमर का इलाज आयुष्मान योजना से हो सका. बच्ची के कई रेडियोथेरेपी के सेशन हुए और आज तनुश्री वापस स्कूल जा पा रही है. 10 हजार रुपये महीना कमाने वाले तनु के पिता के लिए ये इलाज करवाना संभव नहीं था.
इसी तरह बिहार की रहने वाली छठी कक्षा की राखी का इलाज उसके परिवार ने छत्तीसगढ़ में जाकर करवाया. इसका मतलब ये है कि एक राज्य के कार्ड से दूसरे राज्य में इलाज करवाया जा सकता है. कुछ लोग इमरजेंसी में भी इस योजना के माध्यम से इलाज करवा पाए. हरियाणा के एक बुजुर्ग बेलीराम ने कहा, जो दिल मेरा बचा हुआ है, उसी दिल से पीएम मोदी का धन्यवाद. बेलीराम कुछ महीनों पहले हार्ट अटैक की शिकायत के साथ एक प्राइवेट अस्पताल की इमरजेंसी डिपार्टमेंट में पहुंचे. तुरंत ऑपरेशन किया गया. इनके पास आयुष्मान योजना का कार्ड था जिसकी वजह से 2 लाख का इलाज ये करवा सके.
योजना के अंतर्गत Eligible लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाते हैं, और फिर ये लोग अपना मुफ्त में इलाज करवा सकते हैं.
कौन लोग उठा सकते हैं लाभ?
अगर आप भूमिहीन हैं.
परिवार में कोई दिव्यांग सदस्य है.
अगर आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं.
अगर आप अनुसूचित जाति या जनजाति से आते हैं.
अगर आपके पास कच्चा मकान है.
अगर आप दिहाड़ी मजदूरी करते हैं.
निराश्रित, आदिवासी या फिर ट्रांसजेंडर हैं आदि.
ऐसे पा सकते हैं योजना का लाभ
इसके लिए आपका आधार कार्ड, राशन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र और मोबाइल नंबर जरूरी है. आपको सबसे पहले इसके आधिकारिक पोर्टल https://pmjay.gov.in/ पर जाना होगा. वेबसाइट पर जाने के बाद आपको यहां पर 'Am I Eligible' का ऑप्शन मिलेगा, जिस पर आपको क्लिक करना है. यहां दो ऑप्शन दिखेंगे. जहां पहले अपना राज्य चुन लें और दूसरे में आपको राशन कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर से सर्च करना है. इसके बाद आपको अपनी Eligibility की जानकारी मिलेगी.
2011 में की गई सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना (SECC-2011) के डाटाबेस में जिन व्यक्तियों के नाम मौजूद हैं, वे खुद-ब-खुद आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पात्र हैं. हालांकि इसके लिए किसी सरकारी अस्पताल जाकर राशन कार्ड, आधार कार्ड, अपने परिवार के सदस्यों की पासपोर्ट फोटो और मोबाइल नंबर देना होगा. अब AYUSHMAN BHARAT कार्ड CO-BRANDING के साथ आएगा. यानी कार्ड पर केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार का भी नाम दर्ज होगा. इस योजना का नाम अब 'आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-मुख्यमंत्री योजना' हो गया है.
आयुष्मान भारत मिशन के तहत हाल ही में इलाज के लिए मिलने वाले खर्च का दायरा बढ़ाया गया है. इस योजना को लॉन्च हुए अब 4 साल हो चुके हैं.
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ डॉ आर एस शर्मा के मुताबिक इस कैटेगरी में रेट्स को पहले के मुकाबले 20% से 400% तक बढ़ाया गया है.
कैंसर रेडिएशन
डेंगू और दूसरी तरह के बुखार का इलाज
ब्लैक फंगस की सर्जरी
दाएं या बाएं ओर के हार्ट के कैथेटर वाले प्रोसीजर - जैसे एंजियोग्राफी या स्टेंट
दिल के छेद के आपरेशन
अपेंडिक्स और आंतों के आपरेशन
वेंटिलेटर वाले आईसीयू का दायरा 100 प्रतिशत, बिना वेंटिलेटर वाले आईसीयू को 136 प्रतिशत एचडीयू (HDU) के रेट्स में 22 प्रतिशत और रुटीन वॉर्ड के कवर को 17 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है. फिलहाल इस योजना के तहत 1669 प्रोसीजर कवर होते हैं. इनमें से 1080 सर्जिकल हैं और 558 मेडिकल हैं. 2018 में जब ये योजना लॉन्च की गई तो इसमें 1393 पैकेज शामिल थे. इस योजना के तहत 10 करोड़ 74 लाख परिवारों को 53 करोड़ लोगों को फायदा मिलता है. हर साल 5 लाख तक का इलाज करवाया जा सकता है.
कुछ ऐसा होगा कार्ड
भारत सरकार की BPL कार्ड धारकों को 5 लाख तक का मुफ्त इलाज देने वाली इस योजना को देश भर में लागू करने में कई दिक्कतें आ रही थीं, जिन्हें धीरे-धीरे दूर किया जा रहा है. सितंबर 2021 में नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने राज्यों को गाइडलाइंस भेजकर कहा था कि राज्यों की अलग-अलग मुफ्त हेल्थ स्कीम्स और केंद्र की आयुष्मान योजना के लिए एक ही कार्ड रहे. अलग-अलग राज्यों में 20 ऐसी योजनाएं चल रहीं थीं. राज्यों से बातचीत के आधार पर कार्ड में बदलाव किए गए हैं. अब भारत सरकार और राज्य सरकार को बराबर क्रेडिट मिलेगा. ये कार्ड अंग्रेजी और राज्य की लोकल भाषा में बनेंगे. कार्ड बनाने का पूरा खर्च NHA यानी national health authority वहन करेगी.
को-ब्रांडिंग की इस योजना को 33 राज्यों ने माना है. हालांकि दिल्ली, पश्चिम बंगाल और ओडिशा ने अभी तक आयुष्मान योजना लागू नहीं की है.
क्या है योजना?
आयुष्मान भारत -पीएम जय के अंतर्गत आर्थिक रूप से गरीब परिवारों को पूरे परिवार के लिए 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है. बीपीएल धारकों को ये कार्ड मिलता है. जिसके जरिए वो किसी भी अस्पताल में 5 लाख तक का इलाज करवा सकते हैं. 27 स्पेशलिटी के 1949 ट्रीटमेंट इस योजना के दायरे में आते हैं. इस योजना के 10 करोड़ 74 लाख लाभार्थी परिवारों का चयन 2011 के Socio Economic Caste Census के आधार पर किया गया है. अब तक 18 करोड़ 81 लाख लोगों इस स्कीम के तहत वेरिफाई किया गया है, जिसमें से 14 करोड़ 12 लाख लोगों के कार्ड बन चुके हैं.
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