नई दिल्‍ली: 5 राफेल एयरक्राफ्ट जुलाई के अंतिम हफ्ते में भारत पहुंचेंगे. 29 जुलाई को उन्हें सादे समारोह में वायुसेना में अंबाला एयरबेस में शामिल किया जाएगा. 15 अगस्त के आसपास इसे पूरे समारोह के साथ वायुसेना में शामिल किया जाएगा. वायुसेना के पायलट और ग्राउंड स्टाफ ने राफेल फाइटर की लंबी ट्रेनिंग की है. इसमें अत्याधुनिक हथियारों और दूसरे सिस्टम की ट्रेनिंग शामिल थी. अब वायुसेना की प्राथमिकता इस एयरक्राफ्ट को आने के तुरंत बाद किसी भी ऑपरेशन के लिए तैयार करने की है. सूत्रों के मुताबिक भारत-चीन सीमा (India-China Border) पर मौजूदा विवाद के बीच लद्दाख में जल्द ही राफेल की तैनाती हो सकती है. इसको लेकर पूरी तैयारी की जा रही है. 


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वहीं दूसरी ओर अंडमान में भारत और अमेरिकी नौसेना का आज युद्धाभ्यास है. यानी की चीन भारत और अमेरिकी का शक्ति का प्रदर्शन देखेगा. गौरतलब है कि आए दिन चीन की तरफ से सीमा पर घुसपैठ को रोकने के लिए सेना कड़े कदम उठाने पर विचार कर रही है. भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के शीर्ष कमांडर बुधवार से शुरू हो रहे तीन दिवसीय सम्मेलन में देश की वायु रक्षा प्रणाली की व्यापक समीक्षा करेंगे. इसमें चीन के साथ सीमा विवाद के मद्देनजर लद्दाख क्षेत्र में रफाल (Rafael) लड़ाकू विमानों के पहले बेड़े की संभावित तैनाती पर भी चर्चा की जाएगी. सैन्य सूत्रों ने यह जानकारी दी.


सूत्रों ने बताया कि कमांडरों के लद्दाख सेक्टर में अगले महीने की शुरुआत तक राफेल विमानों के प्रथम बेड़े को तैनात करने पर विशेष रूप से चर्चा करने की भी उम्मीद है. एक सूत्र ने कहा, ‘‘कमांडर क्षेत्र में उभरते सुरक्षा हालात की समीक्षा करेंगे और वायुसेना की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे. ’ सम्मेलन की अध्यक्षता वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया करेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के भी वायुसेना कमांडरों को संबोधित करने की उम्मीद है.