वक्फ विवाद : कर्नाटक के 500 किसानों ने JPC को भेजी शिकायत, वक्फ बोर्ड पर लगाए संगीन आरोप
वक्फ बोर्ड विवाद को सुलझाने की कोशिशों में लगी जेपीसी को कर्नाटक के 500 किसानों अर्जियां भेजी हैं. किसानों आरोप लगाया है कि वक्फ बोर्ड ने उनकी संपत्तियों को वक्फ की जायदाद में चिह्नित कर दिया है. सांसद तेजस्वी सूर्या के कार्यालय ने यह जानकारी दी
Karnataka Waqf Board: वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को बृहस्पतिवार को कर्नाटक के उत्तरी जिलों के उन किसानों से 500 से अधिक अर्जियां प्राप्त हुईं, जिन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किया गया है. बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या के कार्यालय ने यह जानकारी दी. सूर्या जेपीसी के सदस्य भी हैं. सूर्या के साथ पाल ने हुबली, विजयपुरा और बेलगावी का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने किसानों और विभिन्न संगठनों के सदस्यों से मुलाकात की, जिन्होंने शिकायत की थी कि राज्य वक्फ बोर्ड उनकी जमीन पर दावा कर रहा है.
क्या कहा किसानों ने
सूर्या के कार्यालय ने एक बयान में कहा,'जगदंबिका पाल और सूर्या को विजयपुरा, बीदर, कलबुर्गी, हुबली, बागलकोट और बेलगावी के किसानों की 500 से अधिक याचिकाएं प्राप्त हुईं, जिनमें कहा गया था कि उनकी कृषि भूमि पर वक्फ बोर्ड द्वारा वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा रहा है.' पाल ने कहा कि वह 'तथ्य अन्वेषण' और पीड़ितों से मिलने के लिए राज्य में आए हैं. उन्होंने कहा कि किसानों और विभिन्न संगठनों ने उन्हें दस्तावेज और ज्ञापन सौंपे हैं. पाल ने कहा कि किसानों और संगठनों को आश्वासन दिया गया है कि उनके मुद्दे पर जेपीसी में चर्चा की जाएगी और रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा.
जेपीसी अध्यक्ष का दौरा 'राजनीतिक' था
उन्होंने पूछा,'हो सकता है कि राज्य सरकार ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को किसानों को बेदखल न करने के निर्देश दिए हों, लेकिन क्या इस मुद्दे का समाधान हो जाएगा? रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की गई है, वक्फ ने दस्तावेज में बदलाव सुनिश्चित किए हैं. राज्य सरकार इस पर क्या कर रही है और इसके लिए कौन जिम्मेदार है?' कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने पाल की यात्रा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जेपीसी अध्यक्ष का दौरा 'राजनीतिक' था. उन्होंने कहा, '...मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जारी किए गए नोटिस वापस लिए जाने चाहिए और हम किसी को भी बेदखल नहीं करेंगे और यदि रिकॉर्ड में संशोधन किया जाता है तो उन्हें निरस्त कर दिया जाएगा. जब मैंने यह कहा है, तो मुद्दा कहां है?'
'ड्रामा कंपनी का दौरान'
इस बीच, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने पाल की राज्य यात्रा को 'ड्रामा कंपनी' का दौरा करार दिया और इसे 'राजनीति से प्रेरित' बताया. शिवकुमार ने कहा कि पाल ने यह दौरा राज्य में होने वाले उपचुनाव और पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किया है. कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शिवकुमार ने जेपीसी अध्यक्ष पर राजनीतिक दुष्प्रचार में संलिप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह कोई संयुक्त संसदीय समिति नहीं है जो दौरा कर रही है, क्योंकि 'केवल भाजपा के सदस्य ही आए हैं और राजनीति कर रहे हैं.'
इनपुट: भाषा