Naini Saini Airport China Border: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भारत ने ऐसा कारनामा किया है जिसे जानकर चीन की नींद हराम हो जाएगी. पिथौरागढ़ चीन की सीमा से महज 50 किलोमीटर दूर है और यहीं पर भारत ने अपना नैनी-सैनी एयरपोर्ट तैयार किया है जिसे डीजीसीए से मंजूरी भी मिल चुकी है. इस एयरपोर्ट के बनने के बाद उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके में आवागमन ज्यादा आसान हो जाएगा और यह इलाका देश के बाकी हिस्सों से भी जुड़ जाएगा. खबरों की मानें तो डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने एयरपोर्ट को एयरोड्रोम लाइसेंस प्रदान किया है. एयरपोर्ट का लाइसेंस इसे मैनेज करने वाले उत्तराखंड एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी को दिया गया है.


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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस एयरपोर्ट के बनने की पुष्टि की है. इस एयरपोर्ट के लिए सीएम धामी ने पीएम मोदी और एविएशन मिनिस्ट्री का आभार व्यक्त किया है. हालांकि, सीएम धामी चाहते थे कि इसे एयरपोर्ट को सेना को सौंपा जाए लेकिन अब इसका इस्तेमाल कॉमर्शियल फ्लाइट्स के लिए किया जाएगा. वैश्विक रणनीति के लिहाज से इस एयरपोर्ट का काफी महत्व है. गौरतलब है कि नैनी-सैनी एयरपोर्ट को 1991 में प्रशासन से जुड़े कार्यों के लिए बनाया गया था. 1508 मीटर एयर स्ट्रिप वाले इस एयरपोर्ट का इस्तेमाल फिलहाल पवन हंस हेली सर्विसेज द्वारा किया जा रहा है.


आपको बता दें कुछ टेक्निकल दिक्कतों की वजह से साल 2020 में इस एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया था. आपको बता दें कि देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट जो कि गढ़वाल रीजन में पड़ता है. इसके अलावा ऊधम सिंह नगर का पंत नगर एयरपोर्ट काम में लिया जा रहा है जो राज्य में दो बड़े एयरपोर्ट हैं. इस एयरपोर्ट के बनने से यहां के लोगों को सुविधा होगी और पर्यटकों को भी इसका लाभ मिलेगा.