नई दिल्लीः देशभर में आज 69वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया जा रहा है. इस मौके पर आज 10 आसियान देशों के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में देश के सैन्य कौशल तथा सांस्कृतिक विविधता की झलक राजपथ पर पेश की गई. राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद ने परेड में शामिल हुई सैन्‍य दस्‍तों की सलामी ली.  परेड में राजपूताना राइफल्स रेजिमेंट का एक दल पहली बार आसियान देशों के ध्‍वजों के साथ दिखा. इन आसियान देशों में थाइलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, म्यामां, कंबोडिया, लाओस और ब्रूनेई शामिल हैं.


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परेड में देश की सैन्‍य शक्ति को दिखाते अत्‍याधुनिक हथियार दिखे, जिसमें टैंक टी-90, ब्रह्मोस शस्‍त्र प्रणाली, हथियार खोजी रडार स्‍वाति, टैंक टी-72, आकाश मिसाइल, न्‍यूक्लियर मिसाइल निर्भय आदि शामिल रहे. परेड मेें भारतीय सेना की अलग-अलग रेजिमेंटों, सशस्‍त्र बलों और पुलिस बलों की टुकडि़यों ने भी परेड में भाग लिया.


इसके बाद झांकियों की शुरुआत आकाशवाणी (AIR) की झांकी से साथ हुई.  झांकी में आजादी के बाद विभाजन की विभीषिका से जूझ रहे देश में भड़के सांप्रदायिक दंगों के समय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के रेडियो पर प्रसारित संदेश से लेकर ‘'मन की बात'’ में मोदी के संदेश राजपथ पर सुनाई दी. झांकी में आकाशवाणी के बीते सात दशक में हुये आधुनिक स्वरूप की झलक भी पेश की जायेगी.



इसके बाद विभिन्न राज्यों की झांकियां प्रस्तुत की गई. जिनमें भारत की अलग-अलग सांस्कृति विरासत के रंग दिखाई दिए. जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, त्रिपुरा और मध्य प्रदेश की झांकियां दिखाई गई. 



इसके बाद गुजरात की झांकी में साबरमती आश्रम की गतिविधियों और चरखा कत रहे गांधी जी के भित्तचित्र को दर्शाया गया. इसके अलावा असम राज्य की झांकी भी पेश की गई. जिसमें असम का पारंपरिक नृत्य और कलाकृति पेश की गई.



इसके बाद महाराष्ट्र की झांकी में शिवाजी महाराज के शौर्य पराक्रम के साथ मराठाओं की वीर गाथा का दर्शाया गया. इस दौरान जय भवानी और जय शिवाजी के जयकारे लगाए गए.  इसके अलावा केरल, छत्तीसगढ़, लक्षद्वीप की झांकियां भी दिखाई गई.



 


पंजाब की झांकी में सिख धर्म के गुरुओं द्वारा शुरू की गई लंगर परंपरा को दर्शाया गया है. जिसमें दिखाया गया है कि गुरुद्वारे में हर रोज किस तरह बड़ी संख्या में खाना बनता है. वहीं हिमाचल प्रदेश की झांकी में धर्मशाला की झलक पेश की गई. झांकी में बौद्ध भिक्षुक और महात्मा बुद्ध को दिखाया गया. मणिपुर की झांकी में वहां की पारंपरिक वेशभूषा, नृत्य और कलाकृति पेश की गई.



पहली बार शामिल हुई भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की झांकी
कृषि क्षेत्र के लिए शोध करने वाले सरकारी संस्थान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की झांकी इस बार पहली बार गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल हुई. इस झांकी में मृदा स्वास्थ्य प्रयोगशाला को दिखाया गया. झांकी का मूल विषय एकीकृत खेती रहा जिसका लक्ष्य किसानों की आय को दोगुना करना है. एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार आईसीएआर ने इसमें मिश्रित खेती और खुशियों की खेती को विशेष तौर पर प्रदर्शित किया है. वहीं केंद्रीय लोक निर्माण विभाग यानी सीपीडब्ल्यूडी की झांकी में फूलों से सजा उद्यान दिखाय गया था.



अन्य विभागों की झांकियों में भारत सरकार के खेल मंत्रालय और जनजातीय मंत्रालय की झांकियां प्रस्तुत की गई. खेल मंत्रालय की झांकी में अलग-अलग खेल स्पर्धाओं को दिखाया गया. झांकी का थीम खेलो इंडिया, जो खेलेगा वो खिलेगा रहा. वहीं जनजातीय मंत्रालय की झांकी में आदिवासी संस्कृति की झलक देखने को मिली.



पहली बार आयकर विभाग (IT) की झांकी, विषय कालाधन रोधी अभियान
गणतंत्र दिवस की परेड में इस वर्ष पहली बार आयकर विभाग की भी झांकी शामिल हुई. इसका विषय नोटबंदी के बाद उसके द्वारा शुरू किया गया कालाधन-रोधी विशेष अभियान रहा झांसी का विषय ‘ऑपरेशन क्लीन मनी’ (ओसीएम) था. इसमें पिछले साल 31 जनवरी तक इस अभियान को सफल बनाने में लोगों के विशेष सहयोग को दिखाया गया.आयकर विभाग की यह गणतंत्र दिवस परेड में पहली झांकी है. पिछले साल माल एवं सेवाकर (GST) की झांकी को परेड में शामिल किया गया था जो आजादी के बाद देश का सबसे बड़ा कर सुधार है.



पहली बार BSF की महिला जवानों की टुकड़ी दिखाए करतब
भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) की झांकी में पहली बार इस परेड में बीएसएफ की महिला जवानों की मोटरसाइकिल सवार टुकड़ी ने करतब दिखाए.



गणतंत्र दिवस 2018 पर पहली बार राजपथ पर महिला बीएसएफ जवानों ने करतब दिखाए. आजादी के बाद ये पहला मौका रहा जब महिला जवानों की टुकड़ी ने राजपथ पर स्टेंट दिखाए. इन महिला जवानों को मध्य प्रदेश के ग्वालियर के पास स्थित टेकनपुर में प्रशिक्षित किया गया था. इन महिला जवानों का दमखम देख आम लोगों से लेकर वहां मौजूद नेता भी सम्मान के तौर पर अपने सीट से खड़े हो गए.