नई दिल्ली: कोरोना महामारी के चलते बहुत कुछ बदल चुका है. सांसदों, विधायकों, सुप्रीम कोर्ट के जजों और प्रधानमंत्री तक की सैलरी में कटौती हुई है. ऐसे में केंद्र सरकार (Central Government) के कर्मचारियों की सैलरी में तो कटौती नहीं हुई, लेकिन सरकार ने उन्हें हर साल मिलने वाले महंगाई भत्तों तो रोक दिया. लेकिन उनके लिए अच्छी खबर है. न सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए, बल्कि पेंशनरों के लिए भी.


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डीए में 4 फीसदी की बढ़ोतरी
केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि इस साल जनवरी से लेकर अगले साल जुलाई तक वो कर्मचारियों और पेंशनभोगियों (Employees and Pensioners) को सालाना मिलने वाले मंहगाई भत्ते (Dearness Allowance) को रोक रही है. और ये भत्ता अगले साल भी नहीं मिलेगा. हालांकि ये रोक जुलाई तक है, लेकिन जब भत्ता मिलना शुरू होगा, तो सरकार उसमें 4 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुकी होगी. उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक जुलाई 2021 से डीए में 4 फीसदी की बढ़ोतरी होगी.


केंद्र सरकार पर वेतन, पेंशन का बड़ा बोझ
मौजूदा समय में केंद्र सरकार की सेवाओं के तहत 50 लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. वहीं सरकार करीब 61 लाख पूर्व कर्मचारियों को पेंशन देती है. इसमें एक बड़ी राशि खर्च होती है. लेकिन इस बार कोरोना महामारी ने सरकार का बजट ही गड़बड़ कर दिया है.


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टैक्स से आय घटी, सरकार के सामने मुश्किलें ही मुश्किलें
केंद्र सरकार को सालाना टैक्स रेवेन्यू से मिलने वाली आय बहुत कम हो गई है. न सिर्फ डायरेक्ट टैक्स, बल्कि इनडायरेक्ट टैक्स का कलेक्शन भी कम हो गया है. इसीलिए सरकार ने कर्मचारियों को साल में दो बार दी जानी वाली महंगाई भत्ते की राशि जारी करने पर रोक लगा दी है. हालांकि हालात में सुधार होने के बाद सरकार उन्हे नियमित तौर पर भत्ते देने लगेगी. लेकिन सरकारी कर्मचारियों के लिए घाटे का सौदा ये है कि सरकार बीच के डेढ़ साल जनवरी 2020 से जुलाई 2021 तक कोई भी भत्ता नहीं देगी.


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