दिवाली से पहले देशभर के सेंट्रल यूनिवर्सिटी और उससे संबद्ध कॉलेजों के प्रोफेसरों और शिक्षकों को तोहफा मिला है. केंद्र सरकार ने कॉलेज प्रोफेसरों को 7वें वेतन आयोग का लाभ देने का फैसला किया है. मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि देश भर के विश्वविद्यालयों में कार्यरत 7.51 लाख शिक्षकों को 7वें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा. शिक्षकों को यह लाभ एक जनवरी 2016 से दी जाएगी. 


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उन्होंने बताया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का 43 केंद्रीय विश्वविद्यालयों और सरकारी सहायता पाने वाले विश्वविद्यालयों के 7.51 लाख अध्यापकों को लाभ मिलेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कैबिनेट के इस फैसले से केंद्र सरकार की सहायता प्राप्त 213 संस्थानों, 329 राज्य और 12,912 कॉलेजों को फायदा होगा. मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि सरकार के इस फैसले से आईआईटी, आईआईएम, ट्रिपल आईटी जैसे 119 संस्थानों को भी फायदा मिलेगा.


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इस फैसले से यूजीसी तथा केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से वित्तपोषित कालेजों तथा 106 विश्वविद्यालयों के 7.58 लाख शिक्षकों तथा समकक्ष अकादमिक स्टाफ को फायदा होगा. इसके अलावा इस फैसले से राज्य सरकारों से सहायता प्राप्त 329 विश्वविद्यालयों और 12,912 कॉलेजों को भी फायदा होगा.


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बैठक के बाद एक बयान में कहा गया है कि संशोधित वेतन पैकेज का फायदा आईआईटी, आईआईएससी, आईआईएम, आईआईआईटी जैसे 119 संस्थानों के शिक्षकों को भी मिलेगा. मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने संवाददाताओं को बताया कि अनुमोदित वेतनमान पहली जनवरी 2016 से लागू होंगे. इस फैसले से सालाना केंद्रीय वित्तीय देनदारी करीब 9800 करोड़ रुपए होगी. बयान के अनुसार इस संशोधन से शिक्षकों के वेतन में 10,400 रूपए से लेकर 49,800 रूपए तक की वृद्धि होगी. शिक्षकों के वेतन में अलग-अलग श्रेणियों में 22 प्रतिशत से लेकर 28 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होगी.


इसके अलावा मंत्रिमंडल ने विश्व बैंक के समर्थन वाली कौशल विकास से जुड़ी दो नई योजनाओं संकल्प और स्ट्राइव (स्किल स्ट्रेंथनिंग फार इंडस्ट्रियल वैल्यू इनहांसमेंट) को मंजूरी दी.