नोएडा: अपनी बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्‍या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे दंपति राजेश और नूपुर तलवार एक दौर में मशहूर डेंटिस्‍ट थे. 2008 में आरुषि और हेमराज के दोहरे हत्‍याकांड के बाद 2013 में सीबीआई की स्‍पेशल कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद गाजियाबाद की डासना जेल में ये दंपति कैद हैं. राजेश तलवार जेल की मेडिकल टीम का हिस्‍सा हैं और पत्‍नी नूपुर कैदियों को पढ़ाती हैं. राजेश दंत चिकित्‍सक के रूप में अपनी सेवाएं देते हैं और रोजाना उनको 40 रुपये इसके लिए मिलते हैं. यानी कि उनको महीने में 1200 रुपये मिलते हैं.


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आरुषि तलवार केस: क्‍या तलवार दंपति ने बेटी को मारा? आज आएगा फैसला


इसी तरह नूपुर को महिलाओं और बच्‍चों को पढ़ाने की एवज में 40 रुपये रोजाना के हिसाब से मिलते हैं. इनको सुबह 10 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक अपनी सेवाएं देनी होती हैं. रविवार का दिन अवकाश का रहता है. 


उल्‍लेखनीय है कि 16 मई, 2008 को तलवार दंपति की इकलौती बेटी आरुषि अपने बेडरूम में मृत पाई गई थी. पहले घरेलू नौकर हेमराज पर शक जाहिर किया गया लेकिन अगले दिन सुबह छत पर उसकी लाश पाई गई. इस चर्चित दोहरे हत्‍याकांड में सीबीआई की स्‍पेशल कोर्ट ने तलवार दंपति को दोषी करार देते हुए इनको आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इस सजा के खिलाफ तलवार दंपति ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. इस पर आज दोपहर दो बजे फैसला आना है.