अभिनेत्री यौन उत्पीड़न मामला; अदालत का बयान, आरोपी के अधिकारों की रक्षा भी आवश्यक
अभिनेत्री के साथ यौन उत्पीड़न मामले में अदालत ने कहा कि आरोपी के अधिकारों की रक्षा करना भी आवश्यक है. अदालत ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि अभियोजन (Prosecution) के पक्ष में गवाही बदलवाने के लक्ष्य से यह याचिका (Petition) दायर की गई है.
तिरुवनंतपुरम: उच्च न्यायालय (High Court) ने शुक्रवार को कहा कि अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) मामले में गवाहों से दूसरी बार जिरह करने के लिए पर्याप्त तर्क (Argument) होना आवश्यक है. इस मामले में मलयाली अभिनेता दिलीप सहित अन्य लोग आरोपी हैं.
निचली अदालत के आदेश को दी थी चुनौती
निचली अदालत (Lower Court) के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई (Hearing on the Petition) करते हुए न्यायमूर्ति कौसर एदापगाथ ने और गवाहों को समन करने और 2017 के अभिनेत्री यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी के कॉल रिकॉर्ड की सत्यापित प्रति (Attested Copy) प्राप्त करने की याचिका को खारिज (Dismiss) करते हुए कहा कि आरोपी के अधिकारों की रक्षा करना भी आवश्यक है.
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अदालत ने क्या कहा?
अदालत ने कहा कि गवाहों से फिर से जिरह करने की याचिका महीनों बाद दायर की गई है. अदालत ने आगे कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अभियोजन के पक्ष में गवाही बदलवाने के लक्ष्य से यह याचिका दायर की गई है. अदालत ने कहा, ‘गवाहों से फिर से जिरह (Cross-Examination) सिर्फ अभियोजन पक्ष की कमियों को छुपाने के लिए नहीं की जानी चाहिए. आरोपी के अधिकारों (Rights) की भी रक्षा की जानी चाहिए.’
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गवाहों को फिर से बुलाने की याचिका खारिज
अभियोजन (Prosecution) ने 16 गवाहों को फिर से बुलाने संबंधी याचिका (Petition) खारिज करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी. आपको बता दें कि याचिका के अनुसार, ‘16 में से नौ नए गवाह हैं और सात की पहले गवाही हो चुकी है.’
(इनपुट - भाषा)
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