Adhir Ranjan Chowdhury: अधीर रंजन ने नहीं पहना हेलमेट, हैंडल छोड़कर चलाई बुलेट; बोले- पुलिस सजा दे तो...
Adhir Ranjan Chowdhury without Helmet: अधीर रंजन चौधरी अपने संसदीय क्षेत्र बेरहामपुर में एक बाइपास रोड का उद्घाटन करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने अपने घर से बेरहामपुर तक करीब 11 किलोमीटर का रास्ता रॉयल एनफील्ड बाइक से कवर किया. इस दौरान उन्होंने हेलमेट नहीं पहना हुआ था.
Congress News: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह बिना हेलमेट के बुलेट बाइक चलाते नजर आ रहे हैं. राइड के दौरान वह बाइक का हैंडल भी छोड़ देते हैं. दरअसल रविवार (15 अक्टूबर) को अधीर रंजन चौधरी अपने संसदीय क्षेत्र बेरहामपुर में एक बाइपास रोड का उद्घाटन करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने अपने घर से बेरहामपुर तक करीब 11 किलोमीटर का रास्ता रॉयल एनफील्ड बाइक से कवर किया. उनके काफिले में इस दौरान कई और बाइक्स भी थीं. लेकिन बाइक चलाते हुए कांग्रेस नेता ने हेलमेट नहीं बल्कि एक टोपी पहनी हुई थी. उनके पीछे बैठा शख्स भी बिना हेलमेट पहने बैठा था.
1.13 मिनट के वायरल वीडियो में बाइक चलाते वक्त अधीर रंजन कई बार हैंडल छोड़कर अपने दोनों हाथों से कैप ठीक करते दिखते हैं और ताली बजाते हैं. साथ ही अपने हाथों को हवा में उठाकर वह कुछ कहते नजर आ रहे हैं. उनके काफिले में कई बाइक्स थीं, जिन पर दो-दो लोग बैठे हुए थे. लेकिन कुछ लोगों ने ही हेलमेट पहना हुआ था.
वीडियो पर क्या बोले?
जब यह वीडियो वायरल हुआ तो लोगों ने अधीर रंजन को ट्रैफिक नियमों का पालन करने की नसीहत दी. जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो जवाब में उन्होंने कहा, 'अगर पुलिस मुझे सजा देती है तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन जिस जगह मैं बाइक चला रहा था वहां कोई लोग नहीं थे. और मैंने काफी वक्त बाद बाइक चलाई. क्योंकि उस जगह से मेरी यादें जुड़ी हुई हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अधीर रंजन चौधरी ने बाइक से उद्घाटन स्थल तक जाने का निर्णय लिया. जब बाइक चलाकर अधीर रंजन वहां पहुंचे तो लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया.
गौरतलब है कि अकसर अपने विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहने वाले अधीर रंजन ने मॉनसून सत्र में मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम मोदी की आलोचना की थी. उनके गलत बर्ताव के कारण उनको सदन से निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि मैंने उनका अपमान नहीं किया. सिर्फ एक ही शब्द का उपयोग किया था, जिसका मतलब होता है-चुप रहना.