Has Agnipath Scheme been relaunched: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार के दौरान दावा किया था कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो अग्निपथ योजना को खत्म कर देंगे. इसके बाद चुनावी नतीजे आने के बाद यह भी मामला सामने आया कि एनडीए में बीजेपी के सहयोगी दलों ने भी अग्निवीर योजना (Agniveer Scheme) में बदलाव का मुद्दा उठाया है. दावा यहां तक किया जाने लगा कि सरकार ने अग्निपथ योजना में बदलाव की कवायद शुरू कर दी है और इसके तहत 60 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थायी नौकरी के साथ ज्यादा सैलरी और 7 साल का कार्यकाल करने का दावा किया गया. लेकिन, अब सरकार ने इसको लेकर सबकुछ साफ कर दिया है.


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सरकार ने बदलाव की खबरों को किया खारिज


सरकार ने अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को बदलाव के साथ फिर से शुरू करने की खबरों को खारिज कर दिया है. सरकार ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस तरह की सभी मैसेजेस को फर्जी बताया है. इसके साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया कि अग्निवीर योजना (Agniveer Scheme) को लेकर ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है.


पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने अपने एक्स हैंडल पर स्पष्ट किया, 'एक फर्जी व्हाट्सएप संदेश में दावा किया गया है कि अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को कई बदलावों के साथ समीक्षा के बाद 'सैनिक सम्मान योजना' के रूप में फिर से शुरू किया गया है. इसमें सेवा की अवधि को बढ़ाकर 7 साल करना, 60 प्रतिशत स्थायी कर्मचारी और बढ़ी हुई सैलरी शामिल है. भारत सरकार ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है.'



विपक्ष लगातार उठा रहा अग्निपथ योजना पर सवाल


शुरू से ही अग्निपथ योजना की आलोचना कर रहे विपक्षी दल लगातार अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) पर सवाल उठा रहे हैं. विपक्ष ने लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान आक्रामक रूप से इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाया था. कांग्रेस ने केंद्र में सत्ता में आने पर इस योजना को खत्म करने का वादा किया था.


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क्या है अग्निपथ योजना?


अग्निपथ योजना एक 'टूर ऑफ ड्यूटी स्टाइल' योजना है, जिसे सितंबर 2022 में सरकार ने लॉन्च किया था. इसके तहत सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में कमीशन प्राप्त अधिकारियों से नीचे के रैंक के सैनिकों को केवल 4 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किया जाता है. इस स्कीम के तहत भर्ती किए गए कर्मियों को अग्निवीर कहा जाता है. 4 साल की सर्विस के दौरान छह महीने की ट्रेनिंग भी दी जाती है. इस योजना के तहत चार साल की नौकरी के बाद अग्निवीरो को उनकी कार्यक्षमता के आधार पर रेटिंग दी जाएगी और इसी मेरिट के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को परमानेंट सर्विस में लिया जाएगा.