भूख हड़ताल के दौरान AIADMK के नेता हजम करते दिखे बिरयानी, गटक रहे थे शराब
मीडिया के कैमरों में कैद हुई तस्वीरों में वेल्लोर में एआईएडीएमके के कुछ नेता बिरयानी खाते दिख रह हैं, जबकि कोयंबटूर और सलेम में पार्टी के कई नेता शराब तक पीते नजर आए.
चेन्नई: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद केंद्र सरकार के कावेरी प्रबंधन बोर्ड (सीएमबी) स्थापित करने में नाकाम रहने को लेकर तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी अन्नाद्रमुक (एआईएडीएमके) की ओर से की गई भूख हड़ताल की चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. भूख हड़ताल पर बैठे AIADMK के नेता और कार्यकर्ता पार्टी करते नजर आए. मीडिया के कैमरों में कैद हुई तस्वीरों में वेल्लोर में एआईएडीएमके के कुछ नेता बिरयानी खाते दिख रह हैं, जबकि कोयंबटूर और सलेम में पार्टी के कई नेता शराब तक पीते नजर आए. अनशन के नाम इस तरह नेताओं की पार्टी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. साथ ही ये भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये सिर्फ खुद के राजनीतिक फायदे के लिए भूख हड़ताल कर रहे थे. मुख्यमंत्री पलानीस्वामी और डिप्टी सीएम ओ पन्नीरसेल्वम खुद भूख हड़ताल में शामिल हुए थे.
यह भूख हड़ताल और विरोध प्रदर्शन सुबह 8 बजे से शुरू हुआ और यह शाम 5 बजे समाप्त होना था, लेकिन नेता इतनी देर भी अपनी भूख को रोक नहीं पाए. प्रतिद्वंद्वी द्रमुक (डीएमके) व उसके सहयोगियों ने भी उपनगरीय ट्रेनों को रोककर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा. द्रमुक ने गुरुवार को बंद का आह्वान किया है. पुलिस ने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया था. व्यापार संघ के आह्वान पर राज्य भर में बहुत सी दुकानें बंद रहीं.
ये भी पढ़ें: कावेरी जल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश; कर्नाटक, तमिलनाडु में हिंसा नहीं होने दें, दोनों राज्य कानून का सम्मान करें
16 फरवरी को आया था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
शीर्ष अदालत ने अपने 16 फरवरी के फैसले में कावेरी के जल में तमिलनाडु का हिस्सा 177.25 हजार मिलियन क्यूबिक फीट (टीएमसी) से घटा दिया था, जो ट्रिब्यूनल द्वारा 2007 में आवंटित जल से 192 टीएमसी कम है. दूसरी तरफ, कर्नाटक के जल की हिस्सेदारी 14.75 टीएमसी बढ़ा दी गई थी.
शीर्ष अदालत के 16 फरवरी के आदेश के अनुसार केंद्र छह हफ्ते के भीतर सीएमबी स्थापित करने में नाकाम रहा है. यह समय सीमा 29 मार्च को समाप्त हो गई. तमिलनाडु के राजनेताओं का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कर्नाटक के पक्ष में काम कर रही है, जो सीएमबी के विरोध में है और जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.