असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) के नेताओं ने सोमवार को एक नारा दिया.. मुंबई चलो.. और इस नारे के बाद महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों से काफिला मुंबई की तरफ चल पड़ा. नारे लगाते एआईएमआईएम के नेता मुंबई की ओर चल पड़े. कोई बाइक पर तो कोई कार की छत पर सवार होकर चल दिया. वीडियो जारी किए जाने लगे. पार्टी के नेता इम्तियाज जलील इस मार्च को लीड कर रहे थे. इधर सड़कों पर इम्तियाज जलील के वीडियो वायरल करवाए गए तो वहीं मुंबई में मौजूद वारिस पठान ने मोर्चा खोल रखा था. रैली के मुंबई पहुंचने के बाद सड़कों पर काफी भीड़ देखी गई और कई इलाकों में जाम तक लग गया.


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क्यों भड़के हैं एआईएमआईएम के नेता


असुदद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम के नेता रामगिरी महाराज और बीजेपी नेता नितेश राणे के मुसलमानों को निशाना बनाने वाली कथित टिप्पणियों को लेकर भड़के हैं. महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले रामगिरी महाराज और नितेश राणे बयान का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. 1 सितंबर को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के श्रीरामपुर और तोपखाना इलाकों में भाजपा नेता नितेश राणे द्वारा रामगिरी महाराज के समर्थन में आयोजित जनसभाओं के बाद विवाद बढ़ गया है. एआईएमआईएम का आरोप है कि रामगिरी महाराज ने इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के बारे में कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा था. अब एआईएमआईएम की मांग है कि नितेश राणे के अलावा हिंदू संत रामगिरी महाराज के खिलाफ कार्रवाई हो.


मुंबई के कई इलाकों में लगा भीषण जाम


रामगिरी महाराज और नितेश राणे के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर एआईएमआईएम के नेताओं ने महाराष्ट्र के कई शहरों से मुंबई तक शक्ति प्रदर्शन करते हुए तिरंगे के साथ संविधान रैली निकाली. हालांकि, जब एआईएमआईएम का मुंबई चलो का काफिला राजधानी पहुंचा तो कई इलाकों में सड़कों पर भीषण जाम लगा गया. इसके बाद बाद ट्रैफिक की स्थिति बिगड़ गई और लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा.




आज भी मुंबई में जाम लगने की पूरी आशंका


एआईएमआईएम (AIMIM) नेता इम्तियाज जलील विवादित बयानों को लेकर मुंबई में प्रदर्शन करने पहुंच रहे हैं, जिसकी वजह से आज मुंबई में भारी जाम लगने की पूरी आशंका है. AIMIM नेता इम्तियाज जलील अपने काफिले के साथ संभाजीनगर से प्रदर्शन करने मुंबई के पास पहुंच चुके हैं. AIMIM के मुंबई चलो अभियान में पूरे महाराष्ट्र से पार्टी के नेता और समर्थक गाड़ियां लेकर मुंबई पहुंचे रहे हैं. फिलहाल, ताकत दिखाने मुंबई के लिए निकली इस भीड़ की वजह से जाम की स्थिति बनना तय है. मुख्य मार्ग जुड़ने वाले सभी रास्तों में जाम लगने की पूरी आशंका है. शिंदे सरकार इस रैली को किस तरह से हैंडल करती है ये तो दिन बीतने के साथ ही साफ हो जाएगा.


विरोध में कब हद पार कर गए ओवैसी के नेता


एआईएमआईएम (AIMIM) नेता नबी की शान में गुस्ताखी के खिलाफ मार्च कर रहे हैं, लेकिन इस विरोध में कब ओवैसी के नेता और खुद ओवैसी हद को पार कर गए इन्हें भी पता नहीं चला. गुस्ताख-ए-रसूल के नाम पर ये नेता किस एजेंडे पर बढ़ चले हैं. 'सुन लो रसूल अल्लाह ने क्या फरमाया.. फरमाया.. क्या मतलब जो नबी के बारे में बात करे.. उसको काट के रख दो.. ये मेरा फरमान है..' एआईएमआईएम नेताओं के मुंबई मार्च के वायरल वीडियो के साथ ये नारे लगाए गए.



खुद ओवैसी भी सारी हदों को पार कर गए


लब्बैक या रसूल अल्लाह.. लब्बैक या रसूल अल्लाह.. लब्बैक या रसूल अल्लाह के नारे लगाते हुए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के नेता मुंबई की तरफ बढ़ रहे हैं. मुद्दा नबी की शान में गुस्ताखी करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने का है, लेकिन इस विरोध की आड़ में मानो खुद ओवैसी भी सारी हदों को पार कर गए हैं.



एक सांसद की जुबान से ऐसी अभद्र भाषा


ओवैसी गुस्ताख ए रसूल यानी नबी की शान में गुस्ताखी करने वालों को क्या कह कर पुकार रहे हैं आप खुद सुनिए. उन्होंने कहा.. तू अपनी $#@% @#$%# नहीं.. वो जाकर अपनी अम्मा से पूछा की अम्मा बताओ सही सही बोलो क्या ये सच है तो बोलीं हां मैं अपना #$@!##$$ कर के तेरे को पैदा की. तो जितने भी लोग दुनिया में अल्लाह के रसूल की शान में गुस्ताखी करने की कोशिश कर रहे हैं वो तमाम के तमाम $#%^& हैं.'


ओवैसी साहब.. क्या कह रहे हैं.. एक सांसद की जुबान से ऐसी अभद्र भाषा शोभा देती है क्या? मतलब हद हो गई.. पहले तो अभद्र भाषा.. और ऊपर से ये जस्टिफिकेशन. ओवैसी साहब ये कह कर क्या साबित करना चाहते हैं. किसी की भाषा से अगर किसी को ठेस पहुंची है तो कानून के तहत इसकी शिकायत की जाती है. बैरिस्टर ओवैसी खुद इस बात को अच्छी तरह जानते होंगे. कौन सी धाराएं लगेंगी ये भी जानते हैं, लेकिन विरोध में उतरकर ऐसी बातें करना कितना वाजिब है आप खुद तय कर लें.



धार्मिक आस्था पर चोट पहुंचाने पर होनी चाहिए कार्रवाई


इसमें कोई दो राय नहीं है कि अगर किसी ने किसी की धार्मिक आस्था चोट पहुंचाई हो तो कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. जांच होनी चाहिए. लेकिन, नबी की शान में गुस्ताखी के नाम अभद्र टिप्पणी और सर तन से जुदा वाली सोच तो हिंदुस्तान में नहीं चलेगी.  AIMIM विवादित बयान के विरोध में खुद विवादित बयान दे रही है. रैली में विवादित नारे लग रहे हैं. ऐसे में इसे HIPOCRACY यानी ढोंग रचना न कहा जाए तो और क्या कहा जाए.