Maharashtra Politics: महाराष्‍ट्र की नवनिर्वाचित महायुति सरकार के मंत्रिमंडल में एनसीपी नेता छगन भुजबल को शामिल नहीं करने पर अजित पवार ने पहली बार अपनी चुप्‍पी तोड़ी है. उन्‍होंने कहा कि कुछ लोग मंत्रिमंडल में मंत्री पद नहीं पाने के कारण नाराजगी जाहिर कर रहे हैं लेकिन कई बार नए लोगों को मौका दिया जाता है. इसका लेकिन ये मतलब नहीं कि बिना वजह के भ्रम को फैलाया जाए. इसके साथ ही अजित ने कहा कि राज्‍य मंत्रिमंडल में एक और मौका देने के बजाय हम सीनियर लोगों को केंद्र में भेजने का विचार कर रहे हैं. अजित पवार कभी भी किसी का अनादर नहीं करते...लेकिन इस तरह बिना बात का भ्रम नहीं पैदा करना चाहिए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हालांकि अजित ने भुजबल का नाम नहीं लिया लेकिन स्‍पष्‍ट है कि उनका इशारा किस तरफ था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गौरतलब है कि छगन भुजबल ने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने पर परोक्ष रूप से अजित पवार पर निशाना साधते हुए कहा था कि फडणवीस अंतिम क्षण तक उनको मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर तैयार थे लेकिन उनको मौका नहीं दिया गया.  


फिर अचानक अपने गांव चले गए शिंदे... पिछली बार प्रेशर पॉलिटिक्स थी, इस बार आखिर क्या हुआ?


नाराज भुजबल ने मुख्यमंत्री फडणवीस से मुलाकात की
इन सबके बीच एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने सोमवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की. भुजबल ने मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने राज्य के राजनीतिक तथा सामाजिक माहौल पर मुख्यमंत्री के साथ विस्तार से चर्चा की. मुख्यमंत्री के मुंबई स्थित ‘सागर’ बंगले में उनसे करीब आधे घंटे की मुलाकात के दौरान प्रदेश के पूर्व मंत्री भुजबल के साथ उनके भतीजे समीर भुजबल भी थे. छगन भुजबल ने कहा, ‘‘फडणवीस ने मुझे बताया कि अन्य पिछड़ा वर्गों ने विधानसभा चुनाव में महायुति की शानदार जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और वह इस बात का ख्याल रखेंगे कि ओबीसी समुदाय के हित प्रभावित नहीं हों.’’


उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने ओबीसी से जुड़े मुद्दों पर विचार के लिए कुछ समय मांगा है. एनसीपी नेता ने कहा, ‘‘फडणवीस ने कहा कि वह 10-12 दिन में कोई फैसला लेंगे.’’ ओबीसी के नेता मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (कुनबी) श्रेणी में आरक्षण देने की कार्यकर्ता मनोज जरांगे की मांग के खिलाफ हैं. भुजबल भी इस मांग के मुखर विरोधी हैं. महाराष्ट्र के कई हिस्सों से आए ओबीसी संगठनों के कुछ प्रतिनिधियों ने रविवार को भुजबल से मुलाकात की थी.


जब भुजबल से पूछा गया कि क्या वह भाजपा में शामिल होने की योजना बना रहे हैं तो उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं बताया लेकिन इतना जरूर कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में उनकी अनदेखी किए जाने के मुद्दे पर वह अपनी राय पहले ही जता चुके हैं. नासिक जिले की येवला विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए एनसीपी नेता ने शनिवार को नागपुर में संपन्न राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भाग नहीं लिया था. वह सत्र के पहले दिन नासिक चले गए थे. इससे एक दिन पहले ही महायुति के 39 विधायकों ने नई सरकार में मंत्री पद की शपथ ली थी.