Politics news: NCP के अजीत पवार ने मंगलवार को बागेश्वर धाम के पुजारी धीरेंद्र शास्त्री पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने अपने भाषण में कहा कि बागेश्वर महाराज ने संतों पर विवादित बयान किया है. क्या किसी ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की? अभी तक उनके ऊपर कुछ हुआ? सरकार ने अभी तक उनके ऊपर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की? बल्कि सरकार को तो इस पर तत्काल एक्शन लेना चाहिए था. मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. सरकार एकदम शांत बैठी है. पता नहीं सरकार कौन से आदर्श का पालन कर रही है.
उन्होंने भाजपा का नाम लिए बिना ही कहा कि यह सरकार आने के बाद महाराष्ट्र कर्नाटक में क्यों विवाद उत्पन्न हो रहे हैं. सोलापुर, नांदेड़ के लोग क्यों मांग कर रहे हैं कि हमें वहां जाना है. कर्नाटक के मुख्य सीमा वासी पर बयान खूब करते हैं, मगर करते कुछ नहीं है. एमपीएससी मामले में जिन कंपनी की क्षमता है. उन कंपनियों को सरकार ने अप्रोच करना चाहिए था. बच्चों पर अन्याय हो रहा है, जिसे हम बिल्कुल सहन नहीं करेंगे. इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे और आगे तक ले जाएंगे. सरकार उनके लिए कुछ कर रही है. यह बच्चों को भी लगना चाहिए, मगर यहां पर अभी ऐसा कुछ नहीं हो रहा है. केंद्र से अधिक आर्थिक सहायता मिले ताकि ज्यादा से ज्यादा विकास हो सके.
वेदांता फॉक्सकॉन, बल्क ट्रक, टाटा एयर बस जैसे कई विकल्प हमारे राज्य से चले गए हैं. दावोस को चार्टर्ड प्लान से 2 दिन का खर्चा 40 से 42 करोड़ हुआ है. अजित पवार ने कहा कि हिंदी राष्ट्रभाषा कब से हो गई? हिंदी ये राष्ट्रभाषा नहीं है. जीआर में ऐसा उल्लेख किया था. किसी भाषा को कम सम्मान देने का कोई उद्देश्य नहीं है, पर सरकार नींद में काम करती है. मराठी भाषा का उल्लेख राज्यपाल के भाषण में नहीं है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे.