Akhilesh Yadav: मोदी सरकार को हराने के लिए फिर हाथ मिलाएंगे सपा-बसपा? अखिलेश यादव ने गठबंधन पर कही ये बड़ी बात
Akhilesh Yadav on parliamentary elections 2024: क्या यूपी में बीजेपी को हराने के लिए अखिलेश-माया फिर साथ आने वाले हैं. सपा के अध्यक्ष अखिलेश ने वर्ष 2024 के चुनाव में गठबंधन को जरूरी बताते हुए बड़ा बयान दिया.
Akhilesh Yadav statement on alliance in parliamentary elections 2024: देश में अगले साल होने जा रहे संसदीय चुनाव में क्या अखिलेश यादव फिर से मायावती (Mayawati) संग गठबंधन करने जा रहे हैं. इस मुद्दे पर उन्होंने शनिवार को अपनी पार्टी की स्थिति स्पष्ट कर दी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में उनका गठबंधन प्रदेश की सभी 80 सीटों पर चुनाव तो लड़ेगा लेकिन यह गठबंधन RLD, अपना दल और दूसरे छोटे दलों के साथ होगा. उन्होंने कहा कि यूपी की जनता बीजेपी की जनविरोधी नीतियों से तंग आ चुकी है और अब उसे सत्ता से विदा करने वाली है.
'मैनपुरी की हार का आकलन नहीं कर पा रही बीजेपी'
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) शनिवार को आजमगढ़ में मीडिया के साथ बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सपा ने मैनपुरी लोकसभा का उपचुनाव भारी अंतर से जीता. इसके बावजूद बीजेपी मैनपुरी की हार का सही आकलन नहीं कर पा रही है. वह समझ नहीं पा रही है कि इतनी बुरी हार कैसे हो गई. अखिलेश ने दावा किया कि 2024 के चुनाव (Parliamentary Election 2024) में वे अपनी ताकत दिखा देंगे. उनका गठबंधन प्रदेश की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगा.
'देश बुल्डोजर से नहीं, संविधान से चलता है'
प्रयागराज में उमेशपाल की हत्या को इंटेलिजेंस का कंप्लीट फेल्योर बताते हुए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) कहा कि देश बुलडोजर से नहीं बल्कि संविधान से चलता है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग कुछ नहीं करते हैं. वे केवल धोखा देने का काम करते हैं. अखिलेश ने आरोप लगाया कि आज भाजपा के पास विपक्ष के सवालों का कोई जवाब नहीं है. वह महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे पर मुंह चुरा रही है. किसानों की आय दोगुनी करने के दावे का भी भाजपा के पास जवाब नहीं है.
'सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये डुबो दिए'
सपा के अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी खेल को भी बढ़ावा नहीं दे रही है. उसे महंगाई से भी कोई फर्क नहीं पड़ता है. उद्योगपति गौतम अडाणी के जरिए मोदी सरकार को घेरते हुए अखिलेश (Akhilesh Yadav) ने कहा कि उनके मित्र जो दुनियां में दूसरे नंबर पर थे, अब कहां चले गए. कितना पैसा लोगों का डूब गया. किन किन सरकारी संस्थानों का पैसा डूब गया. बीजेपी को इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता, जबकि लोगों का 20 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का धन डूब गया है.
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