नई दिल्‍ली: आमतौर पर फिल्‍मी सितारे राजनीति पर बात नहीं करते. खुद फिल्‍म अभिनेता अक्षय कुमार कहते हैं कि वह राजनीति में नहीं आएंगे. वह सिर्फ फिल्‍में बनाना चाहते हैं. देश को अच्‍छी कहानि‍यां सुनाना चाहते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि उनकी नजर देश की राजनीति और नब्‍ज पर नहीं है. जब उनसे देश के मौजूदा हालात और राजनीतिक नेतृत्‍व पर सवाल पूछा गया तो उन्‍होंने इसे बहुत ही रोचक ढंग से क्र‍िकेट के उदाहरण से समझाया.


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अक्षय कुमार ने कहा, मैं आपको बताता हूं. क्रिकेट में हमने विराट कोहली को कप्‍तान चुना है. किसी मैच में वह टॉस जीतता हो टीम में आधे लोग उससे कहेंगे कि बल्‍लेबाजी करो, पिच अच्‍छी है. कुछ खिलाड़ी कहेंगे कि पिच हरी है, इसलिए गेंदबाजी करनी चाहिए. कुछ खिलाड़ियों की सलाह पर मान लीजिए वह बल्‍लेबाजी चुनता है बाद में कुछ खिलाड़ी जल्‍दी जल्‍दी आउट हो जाते हैं. ऐसे में गड़बड़ तब होती है, जब कुछ लोग कहने लगते हैं कि मैंने तो पहले ही कहा था, गेंदबाजी करनी थी. ऐसे में सब कुछ गडबड़ हो जाती है. अगर वही लोग एक टीम के रूप में प्रयास करें तो नतीजे बदले भी जा सकते हैं. मैं कहता हूं कि आपने कप्‍तान चुना है तो उस पर भरोसा रखिए.


अक्षय ने कहा, फूट हो जाने से टीम का परिणाम उल्‍टा हो जाता है. अगर इकट्ठा खेलेंगे तो परिणाम अच्‍छे होंगे. अगर आपने एक बार कप्‍तान चुन लिया है तो कप्‍तान की बात सुनो. उसकी बात सुनो. आपने उसे खुद चुना है. वह खुद नहीं आया है.  जब अक्षय कुमार से पूछा गया कि क्‍या एक बार फिर से कप्‍तान बनना चाहिए. उन्‍होंने कहा, देखिए इस पर तो कुछ नहीं कह सकता. अगर देश में लोगों को लगता है कि फैसले अच्‍छे हुए हैं तो उन्‍हें भरोसा दिखाना चा‍ह‍िए.