Winter 2024: सर्दी इस बार रहम के मूड में नहीं.. थर्ड डिग्री टॉर्चर की कर लें तैयारी, IMD की भविष्यवाणी ने कंपाया
Severe Winter 2024: साल 2024 में भारत ने गर्मी का कहर झेला और बारिश का तांडव देखा. अब बारी है सर्दी के थर्ड डिग्री टॉर्चर की, क्योंकि भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि इस बार सर्दी का मौसम बेहद कठोर और बेरहम होने वाला है.
Severe Winter 2024: साल 2024 में भारत ने गर्मी का कहर झेला और बारिश का तांडव देखा. अब बारी है सर्दी के थर्ड डिग्री टॉर्चर की, क्योंकि भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि इस बार सर्दी का मौसम बेहद कठोर और बेरहम होने वाला है. IMD के अनुसार, सितंबर 2024 में ला नीना घटना की शुरुआत हो गई है, जिसके कारण देश भर में तापमान में तेज गिरावट देखने को मिलेगी और भारी बारिश की संभावना भी है.
पड़ेगी हड्डियों को जमा देने वाली सर्दी
ला नीना, एल नीनो के बिल्कुल विपरीत, एक ऐसी जलवायु घटना है जो भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर के तापमान को सामान्य से कम कर देती है. इसका प्रभाव बड़े स्तर पर महसूस किया जाता है, और यह हड्डियों को जमा देने वाली सर्दी लेकर आता है. IMD ने 2 सितंबर 2024 को जारी अपनी भविष्यवाणी में कहा कि ला नीना के कारण इस बार सर्दी कड़ाके की पड़ने वाली है.
ला नीना अप्रैल से जून के बीच
आमतौर पर ला नीना अप्रैल से जून के बीच शुरू होता है. अक्टूबर से फरवरी के बीच अपने चरम पर होता है. और नौ महीने से लेकर दो साल तक प्रभावी रह सकता है. यह घटना समुद्र की सतह को ठंडा करने वाली तेज़ पूर्वी हवाओं के कारण होती है. जो समुद्र के पानी को पश्चिम की ओर धकेलती हैं.
तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में सर्दी का प्रभाव अलग-अलग देखा जा सकता है. विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे उत्तरी राज्यों में सर्दी का तांडव सबसे अधिक महसूस किया जाएगा. जहां तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है. इसके अलावा, ठंड और बारिश के कारण कृषि क्षेत्र पर भी असर पड़ सकता है. खासकर उन इलाकों में जो सर्दियों की फसलों पर निर्भर हैं.
IMD की चौंकाने वाली भविष्यवाणी
IMD की इस भविष्यवाणी ने लोगों में पहले से ही चिंता बढ़ा दी है. मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे सर्दियों के लिए जरूरी हीटिंग उपकरणों और आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक करके रखें और मौसम की ताजा जानकारी के आधार पर तैयारी करें. साथ ही, सरकार को भी संवेदनशील इलाकों में ठंड के प्रभाव को कम करने के लिए ठोस कदम उठाने की सलाह दी गई है.
ला नीना का असर पहले से ही
ला नीना का असर पहले से ही महसूस किया जा रहा है. आमतौर पर मॉनसून सीजन सितंबर की शुरुआत तक खत्म हो जाता है, लेकिन इस साल का मॉनसून सामान्य से आगे बढ़ गया है. इसका कारण समुद्र का ठंडा होना है, जिसने सामान्य मौसम पैटर्न को प्रभावित किया है. यही वजह है कि दक्षिणी और मध्य भारत में इस बार भारी बारिश हुई है.
आने वाली सर्दी भारत के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है
IMD का कहना है कि आने वाली सर्दी भारत के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है. खासकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में जहां ठंडा तापमान और बढ़ी हुई बारिश जनजीवन को प्रभावित कर सकती है. मौसम विभाग स्थिति पर नजर रखे हुए है और समय-समय पर अपडेट या चेतावनी जारी करेगा.
लोगों को सर्दियों के लिए तैयार रहने की सलाह
वैश्विक स्तर पर ला नीना कई जलवायु परिवर्तनों से जुड़ा हुआ है. जैसे अटलांटिक महासागर में तूफानों की गतिविधि में वृद्धि, दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में सूखा, और दक्षिण पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया में अधिक बारिश. IMD की इस भविष्यवाणी के बाद लोगों को सर्दियों के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है.