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Digital strike: भारत सरकार द्वारा पीएफआई पर UAPA के तहत 5 वर्षो तक बैन लगाए जाने के बाद, केंद्र ने पीएफआई (PFI) पर एक और सख्त एक्शन लेते हुए इस संस्था पर अब डिजिटल स्ट्राइक (Digital strike on PFI) की है. जिसके तहत ट्विटर (Twitter), फेसबुक (Facebook),  इंस्टाग्राम (Instagram) और यूट्यूब (You tube) ने भी PFI और उसके सभी प्रमुख नेताओं के एकाउंट को भारत मे बंद (Withheld) कर दिया गया है.


PFI पर सरकार की डिजिटल चाबुक


ट्विटर की बात करें तो अब @pfiofficial यूजरनेम वाला PFI का आधिकारिक ट्विटर एकाउंट, @anispfi यूजरनेम वाला PFI के महासचिव अनीस अहमद का एकाउंट, वहीं @oma_salam यूजरनेम वाला PFI के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओ एम ए सलाम का एकाउंट, @EMAbdulRahiman1 यूजरनेम वाला PFI के वाइस प्रेसिडेंट ईएमए अब्दुल रहिमान का ट्विटर एकाउंट, @SajidbinSayed यूजरनेम वाला PFI की छात्र विंग सीएफआई (CFI) के प्रेसिडेंट साजिद बिन का ट्विटर एकाउंट समेत पीएफआई (PFI) से जुड़े अन्य कई लोगो के ट्विटर एकाउंट भारत में पूरी तरह से बंद हो गये है. 


भारत विरोधी हरकतों पर लगेगी रोक


हालांकि पीएफआई से जुड़े कुछ ट्विटर एकाउंट CFI का ट्विटर एकाउंट, PFI कर्नाटक का ट्विटर एकाउंट अभी भारत में ट्विटर पर मौजूद दिख रहा है लेकिन विशेषज्ञों की माने तो ये भी कुछ ही समय मे भारत में पूरी तरह बंद हो जाएंगे.


ट्विटर की तरह ही फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर बने पीएफआई और उसके नेताओं के एकाउंट को भी भारत में पूरी तरह से बंद कर दिया है. यानी भारत में प्रतिबंध लगने के बाद इस संस्था के सोशल मीडिया एकाउंट भी अब अपने दंगाई प्रोपेगेंडा को भारत में नही फैला पाएंगे.


बताते चलें कि PFI पर UAPA के तहत बैन लगाने के साथ ही भारत सरकार ने ट्विटर को भी PFI और उसके नेताओ के एकाउंट को भारत में बन्द करने का आदेश दिया था. भारत सरकार के इसी आदेश पर अमल करते हुए सोशल मीडिया साइट्स ने PFI और उसके नेताओ के आधिकारिक एकाउंट को भारत में बंद कर दिया है.


इस तरह कसा पीएफआई पर शिकंजा


आतंकवाद रोधी कड़े कानून यूएपीए (UAPA) के तहत पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना के बाद संगठन के खिलाफ कई कार्रवाई की जाएंगी, जिनमें इसकी संपत्तियों को जब्त करना, बैंक खातों पर रोक लगाना और इसकी सामान्य गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना शामिल है. 


सरकार ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों से ‘संबंध’ होने के कारण पीएफआई और उससे संबद्ध कई अन्य संगठनों पर कड़े आतंकवाद रोधी कानून के तहत 5 साल का प्रतिबंध लगा दिया है. 


केंद्र की सरकार, संगठन को गैरकानूनी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं, इस पर निर्णय के लिए अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से 30 दिनों के भीतर एक न्यायाधिकरण का भी रुख करेगी. गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) के अनुसार, यदि प्रतिबंधित समूह के किसी भी सदस्य के पास कोई धनराशि या प्रतिभूतियां हैं जिनका उपयोग किया जा रहा है या गैरकानूनी गतिविधि के लिए इसका उपयोग करने का इरादा है, तो केंद्र सरकार एक लिखित आदेश द्वारा ऐसे व्यक्ति को कोई भुगतान करने या धनराशि हस्तांतरित करने से रोक सकती है.


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